अग्नि चंद्राकर का अंतिम संस्कार आज: निर्विरोध सरपंच से विधायक तक का सफर, LLB करने के बाद भी बने किसान

CG News: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अग्नि चंद्राकर का निधन हो गया. उनके निधन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया. अग्रि चंद्राकर का अंतिम संस्कार आज उनके गृह ग्राम में किया जाएगा.

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Agni Chandrakar, Former Congress MLA From Mahasamund

Former Congress MLA Agni Chandrakar Last Rites: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दिग्गज कांग्रेस नेता अग्नि चंद्राकर (Agni Chandrakar) का 70 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने रायपुर (Raipur) के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. बता दें कि अग्नि चंद्राकर लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे, जिसकी वजह से उनका इलाज रायपुर (Raipur) में चल रहा था. रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार सोमवार, 24 जून को उनके गृह ग्राम लभरा कला में किया जाएगा. अग्नि चंद्राकर के निधन पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.

अग्नि चंद्राकर का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस भवन में रखा जाएगा. इसके बाद नगर भ्रमण कर उनके पार्थिव शरीर को उनके गृह ग्राम ले जाया जाएगा. अग्नि चंद्राकर सीधे, सरल और साफ छवि के नेता माने जाते थे, लगभग 40 साल के राजनीतिक सफर में वे पक्ष और विपक्ष दोनों में लोकप्रिय रहे.

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सरपंच से विधायक तक का सफर

अग्नि चंद्राकर के 40 साल के राजनीतिक सफर की शुरुआत सरपंच के चुनाव से हुई. वे 1986 में ग्राम पंचायत धनसुली से निर्विरोध सरपंच चुने गए. अग्नि चंद्राकर महासमुंद विधानसभा से तीन बार विधायक रह चुके हैं. पहली व दूसरी बार वे अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक चुने गए, जबकि तीसरी बार वे विधायक चुनकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वे वर्ष 1993, 1998 और 2008 में महासमुंद विधानसभा से विधायक चुने गए. इस बीच वे साल 2000 से 2003 तक भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रहे. इसके बाद अग्नि चंद्राकर बीज विकास निगम के अध्यक्ष बने. उन्हें भूपेश बघेल सरकार ने साल 2021 में बीज विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया था. इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था.

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कांग्रेस नेताओं ने जताया शोक

पूर्व कांग्रेसी विधायक और बीज विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अग्नि चंद्राकर का अंतिम संस्कार आज उनके गृह ग्राम लभरा कला में किया जाएगा. उनकी मौत पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर जी के निधन का समाचार दुखद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं परिवारजनों को संबल दें. ॐ शांति:"

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पीसीसी चीफ दीपक बैज ने लिखा, "वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पूर्व विधायक श्री अग्नि चंद्राकर जी के निधन की खबर अत्यंत दुखद है. हम ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं. विनम्र श्रद्धांजलि."

महासमुंद जिला निर्माण में रही अहम भूमिका

बता दें कि महासमुंद को जिला बनाने में अग्नि चंद्राकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही. महासमुंद की जनता महासमुंद को जिला बनाने की मांग बड़े जोर-शोर से कर रही थी, लेकिन जब अविभाजित मध्य प्रदेश में नए जिलों की घोषणा हुई, तब महासमुंद का नाम शामिल नहीं था. रायपुर जिले को विभाजित कर धमतरी को जिला बनाया गया, लेकिन महासमुंद की मांग अनसुनी कर दी गई. उस वक्त अग्नि चंद्राकर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपने विधायक पद से इस्तीफा भेजकर अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे थे.

अग्नि चंद्राकर के इस्तीफे और धरने पर बैठने के बाद सरकार को झुकना पड़ा था और अंत में महासमुंद को जिला बनाने की घोषणा की गई. महासमुंद जिला बनने के बाद वर्ष 1998 से 2006 तक अग्नि चंद्राकर महासमुंद जिले के पहले कांग्रेस जिलाध्यक्ष भी रहे.

एलएलबी करने के बाद बने किसान

अग्नि चंद्राकर का जन्म फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम सोरिद में 1 जनवरी 1954 को हुआ. उनके पिता दाऊ रमनलाल चंद्राकर एक किसान थे. अग्नि चंद्राकर ने अपनी उच्च शिक्षा बी.कॉम और एलएलबी में पूरी की. इसके बावजूद उन्होंने अपने पिता की तरह ही कृषि को ही अपना व्यवसाय बनाया. इसके बाद वे सरपंच के रूप में पहली बार राजनीति में आए.

अग्नि चंद्राकर का जीवन महासमुंद क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए समर्पित रहा. पासिद जलाशय, निसदा डायवर्सन सहित अनेक सिंचाई परियोजनाओं में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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