Madai in Dhamtari: दीपावली के बाद के पहले शुक्रवार को मड़ई का आयोजन, संतान प्राप्ति के लिए ये है मान्यता 

Madai Mela: धमतरी में मां आंगर मोती के प्रांगण में मड़ई का आयोजन हुआ. इसमें लगभग 15 से 20 हजार की संख्या में भक्त पहुंचे. संतान प्राप्ति के लिए महिलाओं ने खास उपासना और पूजा की. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
मां अंगार मोती के आंगन में मड़ई पूजा

Maa Angar Moti Dhamtari: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी जिले में हर साल की तरह इस साल भी दीपावली (Diwali 2024) के बाद पहले शुक्रवार को गंगरेल में मां अंगार मोती के प्रांगण में मड़ई का आयोजन किया गया. इसमें 15 से 20 हजार की संख्या में भक्त पहुंचे. मंदिर में निःसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर पहुंची थी. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष जीवराखन लाल मरई और मंदिर के पुजारी ने भी बताया कि कई सालों से दीपावली के बाद का पहला शुक्रवार को मड़ई का आयोजन किया जाता है.

पेट के बल लेटकर महिलाओं ने की पूजा

क्या है मड़ई की मान्यता

मान्यता के अनुसार, जिन भी महिलाओं की संतान नहीं होती है, वह इस मड़ई में पहुंचकर अंगार मोती मंदिर के प्रांगण से परिसर तक पेट के बल लेट कर, बालों को खोलकर, हाथों में नारियल, अगरबत्ती, नींबू और फूल लेकर हजारों की संख्या में महिलाएं संतान की सुख प्राप्ति के लिए मन्नत भी मांगती है. मड़ई के दौरान देवी देवता और डांग मंदिर से होकर आगे बढ़ते हैं और इसके बाद ढेर सारे बैगा उनके ऊपर से गुजरते हैं. ऐसी मान्यता है कि जिस भी महिला के ऊपर बैगा का पैर पड़ता है.

मड़ई आयोजन में जुटे हजारों भक्त

ये भी पढ़ें :- MP को वेलनेस व मेडिकल हब बनाने के लिए "हृदयम एमपी" का शुभारंभ, पर्यटन स्थल में मिलेगी ये सुविधाएं

52 गांव की देवी हैं मां अंगार मोती

कई सालों से यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी ऐसे ही चलती आ रही है. मां अंगार मोती 52 गांवों की देवी कहलाती है. मां अंगार मोती की ख्याति धमतरी जिले के अलावा छत्तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों तक फैली हुई है. जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से इस मड़ई कार्यक्रम के आयोजन में पहुंचते हैं. भीड़ को देखते हुए पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :- CG पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, ASP - DSP रैंक के 36 अफसरों का हुआ ट्रांसफर, देखें लिस्ट

Topics mentioned in this article