Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले की धार्मिक नगरी डोंगरगढ़ (Dongargarh) में मां बम्लेश्वरी का बेहद अनोखा मंदिर स्थित है. नवरात्रि के पर्व पर मां बम्लेश्वरी के इस धाम की सजावट बेहद खास अंदाज़ में की गई है. इस बार मंदिर ट्रस्ट की तरफ से माता के गर्भगृह के दरवाजे को चांदी से सजाया गया है. लगभग 150 किलो चांदी का इस्तेमाल कर इस भव्य दरवाजे को बनाया गया है जिसमें बारीकी से नक्काशी की गई है. कारीगरों ने इसे बेहद सुंदर और आकर्षक रूप दिया है. आलम ऐसा है कि आने वाले श्रद्धालु इसे देख कर मंत्रमुग्ध रह जाते हैं. चांदी से चमकता ये दरवाजा मंदिर की सुंदरता को और बढ़ा रहा है.
चांदी के दरवाजे ने मंदिर पर लगाए चार चांद
डोंगरगढ़ का मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर पहाड़ों पर स्थित है. ये दरबार श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा धार्मिक स्थल है. नवरात्रि के इस पावन पर्व पर यहां लाखों की संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर ट्रस्ट की तरफ से मंदिर को समय-समय पर और भी भव्य बनाने के लिए लगातार नए-नए कार्य किए जा रहे हैं. कुछ समय पहले मंदिर के गर्भगृह को सोने से सजाया गया था और उसके बाद माता को सोने का मुकुट अर्पित किया गया था. इस साल नवरात्रि के दौरान मंदिर में चांदी से बने भव्य दरवाजे का निर्माण शुरू किया गया जिसकी अनुमानित लागत लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपये है. अब तक इस दरवाजे में 60 किलो चांदी का इस्तेमाल हो चुका है और बाकी का काम तेजी से चल रहा है.
दरबार के दर्शन कर धन्य हो रहे लोग
मां बम्लेश्वरी के दरबार में यह नया दरवाजा भक्तों के लिए एक खास आकर्षण है. इस पर कारीगरों की तरफ से की गई नक्काशी दरवाजे की शोभा को और बढ़ा देती है. दूर-दूर से आने वाले भक्त इस दरवाजे के सौंदर्य और माता के दिव्य रूप के दर्शन कर धन्य हो रहे हैं.
हजार सीढ़ियों के बाद होते हैं दर्शन
डोंगरगढ़ का यह मंदिर लगभग 1600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जहां भक्तों को 1000 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है. इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रोपवे की भी व्यवस्था की गई है. डोंगरगढ़ में माता के दो प्रमुख मंदिर है. पहला पहाड़ों की ऊंचाई पर मां बम्लेश्वरी का मुख्य मंदिर और नीचे की ओर बबा मां छोटे बम्लेश्वरी का मंदिर.
नवरात्रि में दर्शन के लिए लगती है भीड़
नवरात्रि के दौरान यह पवित्र स्थल भक्तों से खचाखच भरा रहता है. यहां न केवल छत्तीसगढ़ से बल्कि देश के अलग-अलग कोनों से श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. मंदिर परिसर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर मां बम्लेश्वरी के दरबार में हाजिरी लगाते हैं.
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मन मोह लेगा माता रानी की ये धाम
वैसे तो यहां 12 महीने भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के ख़ास मौक़े पर माता रानी के दरबार में लोग चुनरी अर्पित करने के लिए आते हैं. शहर के आस-पास के इलाकों से भी भक्त मां के दरबार में आते हैं. मंदिर से जुड़ी यह भी मान्यता है कि माता रानी यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करती है. जिसके चलते नवरात्रि के दौरान यहां का माहौल भक्ति और आस्था से भरा हुआ रहता है.
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