लव मैरिज बनी आफत: अब 45 गांवों के 500 लोग मांग रहे मुर्गा पार्टी! दूल्‍हे के घर पर डाला डेरा

Love Marriage in Tribal Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के युवक प्रभाष विश्वास ने महाराष्ट्र की अलीसा पोटामी से 2022 में लव मैरिज की थी. अब अलीसा के आदिवासी समाज के 45 गांवों के करीब 500 लोग प्रभाष के घर पहुंचकर पारंपरिक “मुर्गा पार्टी” की मांग कर रहे हैं. समाज का कहना है कि दूसरी जाति में शादी करने वाले दामाद को यह रस्म निभानी जरूरी है.

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Love Marriage in Tribal Chhattisgarh: प्रेम विवाह करने वाले कई जोड़ों की राह आसान नहीं होती. कहीं अपनों से खतरा होता है, तो कहीं समाज चैन से जीने नहीं देता. ऐसा ही एक अनोखा मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया है, जहां एक युवक की महाराष्ट्र की युवती से हुई लव मैरिज अब आफत बन गई है. अब 45 गांवों के करीब 500 लोग युवक से “मुर्गा पार्टी” की मांग कर रहे हैं और उसके घर के बाहर डेरा डाले बैठे हैं.

कौन है यह प्रेमी जोड़ा?

लव मैरिज करने वाला युवक 26 वर्षीय प्रभाष विश्वास छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजुर इलाके के पीवी-101 विष्णुपुर गांव का रहने वाला है. वहीं, युवती 25 वर्षीय अलीसा पोटामी महाराष्ट्र के कसनसूर थाना क्षेत्र के भूमकाम गांव की निवासी है. 

प्रभाष और अलीसा की प्रेम कहानी कैसे शुरू हुई?

छत्तीसगढ़ का पखांजुर और महाराष्ट्र का कसनसूर सीमावर्ती इलाके हैं. पखांजुर क्षेत्र के खेतों में रोपा लगाने के लिए कसनसूर के ग्रामीण बड़ी संख्या में आते हैं. कुछ साल पहले अलीसा भी मजदूरी करने आई थी, तभी उसकी मुलाकात प्रभाष से हुई. धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई.

3 साल तक छिपाई लव मैरिज

प्रभाष और अलीसा ने साल 2022 में बिना परिवार को बताए कोर्ट मैरिज कर ली थी और इसका शपथ पत्र भी बनवा लिया था. शादी के बाद अलीसा पति के घर नहीं रही बल्कि अहेरी में नर्सिंग की पढ़ाई करने चली गई. इस तरह दोनों ने शादी को 3 साल तक छुपाए रखा. 

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परिजनों ने दर्ज करवाई गुमशुदगी

अब 2025 में, लगभग दस दिन पहले अलीसा अपने ससुराल यानी प्रभाष के घर रहने आ गई. इस बीच, उसके परिजनों ने कसनसूर पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी. पुलिस जब अलीसा की तलाश में प्रभाष के घर पहुंची तो युवती ने साफ कहा कि वह बालिग है, अपनी मर्जी से शादी की है और प्रभाष के साथ ही रहना चाहती है. इस बयान के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने मामला बंद कर दिया.

अब क्यों मांग रहे हैं मुर्गा पार्टी?

‘दैनिक भास्कर' में छपी खबर के अनुसार, अलीसा आदिवासी समाज से है. समाज की परंपरा के अनुसार, अगर कोई लड़की दूसरे समाज के युवक से विवाह करती है तो दामाद को “बकरा-मुर्गा भात” खिलाना पड़ता है और कुछ अन्य वस्तुएं दंड स्वरूप समाज को देनी होती हैं.

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प्रभाष ने अब तक इस परंपरा का पालन नहीं किया, इसी वजह से युवती के गांव भूमकाम और आसपास के 45 गांवों के करीब 500 लोग प्रभाष के गांव पीवी-101 विष्णुपुर पहुंच गए हैं. ये लोग दो दिनों से वहीं डेरा डाले हुए हैं और समाज की रस्म पूरी होने तक “मुर्गा पार्टी” की मांग पर अड़े हैं. 

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