Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले शुरू हुआ कांग्रेस नेताओं की वापसी का दौर, जानिए- क्या है इसके मायने

Chhattisgarh LS Elections 2024 Voting: छ्त्तीसगढ़ कांग्रेस के महामंत्री मलकीत सिंह ने एक आदेश जारी कर महेंद्रगढ़ से विधायक रहे विनय जायसवाल के निष्कासन खुर्द कर दिया है. इसके साथ ही उनकी सदस्यता भी बहाल कर दी गई है. इसके साथ ही बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव और पीसीसी उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी का निष्कासन भी रद्द कर दिया गया है.

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Lok Sabha Election 2024 News: लोकसभा चुनाव 2024 की मुश्किलें कम करने की कांग्रेस में कवायद तेज हो गई है. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के पहले और बाद में पार्टी विरोधी बयान के आधार पर निष्कासित नेताओं के निष्कासन को रद्द करना शुरू कर दिया है. छ्त्तीसगढ़ कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के महामंत्री मलकीत सिंह ( Malkeet Simgh) ने एक आदेश जारी कर महेंद्रगढ़ (Mahendra garh) से विधायक रहे विनय जायसवाल (Vinay Jaiswal) के निष्कासन खुर्द कर दिया है. इसके साथ ही उनकी सदस्यता भी बहाल कर दी गई है. इसके साथ ही बिलासपुर के महापौर (Bilaspur Mayor )रामशरण यादव ()Ramsharan Yadav) और पीसीसी उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी (Vinay Jaesil) का निष्कासन भी रद्द कर दिया गया है.

तीनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से हुआ था निष्कासन

महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक रहे विनय जायसवाल की विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने टिकट काट दी थी. उसके बाद से विनय जायसवाल लगातार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोल रहे थे और उन्होंने तत्कालीन प्रदेश प्रभारी सचिव रहे चंदन यादव पर भी टिकट बेचने का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने 7 लाख रुपये देने की बात कही थी, जिसे कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधि करार देते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. वहीं, बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव का विधानसभा चुनाव के पहले एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें रामशरण यादव कांग्रेस पार्टी की टिकट के बदले पैसों के लेनदेन की बात कर रहे थे. इस आधार पर कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. बिलासपुर से कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें भी पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था.

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इसलिए हुई वापसी

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपना पिछला अधिकतम 2 सीट जीतने का रिकॉर्ड तोड़ना चाहती है. पार्टी के पुराने नेता जिन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया था, वे अब तक बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं, जबकि बीजेपी में सबके लिए दरवाजे खुले हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने अपने निष्कासित नेताओं की घर वापसी शुरू कर दी है, इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होने की उम्मीद है. 

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