राजनांदगांव लोकसभा: इस VIP सीट में कांग्रेस के पूर्व CM भूपेश बघेल Vs BJP के संतोष पांडे का है मुकाबला

राजनांदगांव लोकसभा सीट (Rajnandgaon Lok Sabha constituency) में 8 विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) आते हैं. जिसमें राजनांदगांव (Rajnandgaon), खुज्जी (Khujji), मोहला मानपुर (Mohla-Manpur ), डोंगरगांव (Dongargaon), खैरागढ़ (Khairagarh), डोंगरगढ़ (Dongargarh), कवर्धा (Kawardha) और पंडरिया (Pandariya) शामिल है.

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Rajnandgaon Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर गर्मियां बढ़ने लगी है, दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों (BJP Chhattisgarh Lok Sabha Candidates) के नाम की घोषणा कर दी, तो वहीं कांग्रेस (Congress) ने छत्तीसगढ़ के छह लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों (Congress Lok Sabha Candidate) के नाम की घोषणा की है. राजनांदगांव लोकसभा सीट (Rajnandgaon Lok Sabha Seat) छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख वीआईपी सीटों (VIP Seat) में से एक है, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री  (Former Chief Minister of Chhattisgarh) और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker Dr Raman Singh) डॉ रमन सिंह यहां से विधायक (BJP MLA) हैं. इस कारण यह लोकसभा सीट और भी खास हो जाती है. वर्तमान में सांसद (Member of the Lok Sabha) संतोष पांडे (Santosh Pandey) को बीजेपी ने दोबारा मौका देते हुए लोकसभा प्रत्याशी (Lok Sabha Candidate) बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former Chief Minister Bhupesh Baghel) को राजनांदगांव लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है. अब पूर्व मुख्यमंत्री के राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव लड़ने से यह मुकाबला दिलचस्प हो गया है और सभी की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई हैं.

पहले जानते हैं राजनांदगांव का इतिहास

राजनांदगांव का इतिहास गौरवशाली रहा है तभी तो इसे छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी कहा जाता है. यहां पर प्रसिद्ध राजवंशों जैसे सोमवंशी, कालचुरी बाद में मराठाओं द्वारा शासन किया गया था. शुरुआती दिनों में इसको नंदग्राम कहा जाता था, तभी तो इसका नाम नंदग्राम से राजनांदगांव हो गया. सही मायने में यह जगह 1830 में अस्तित्व में आयी थी. उस समय बैरागी वैष्णव महंत ने राजनंदगांव में अपनी राजधानी स्थानांतरित कर दी थी. 
 

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राजनांदगांव अंग्रेजी हुकूमत के दौरान भी काफी सक्रिय था. 1865 में, अंग्रेजों ने तत्कालीन शासक महंत घासी दास को राजनांदगांव के शासक के रूप में मान्यता दी, उन्हें राजनांदगांव के फ्यूडल चीफ का खिताब दिया गया था.

आजादी के बाद 1948 में, रियासत राज्य और राजधानी शहर राजनांदगांव को मध्य भारत जो बाद में मध्य प्रदेश हो गया उसके दुर्ग जिले में विलय कर दिया गया था.  1973 में राजनांदगांव को दुर्ग जिले से अलग करके नया राजनांदगांव जिला बनाया गया था. वहीं 1998 में इसके कुछ हिस्सें को अलग कर कबीरधाम जिला बना दिया गया.

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Lok Sabha Election 2024: राजनांदगांव लोकसभा सीट

अब एक नजर राजनांदगांव लोकसभा सीट पर

राजनांदगांव लोकसभा सीट (Rajnandgaon Lok Sabha constituency) में 8 विधानसभा क्षेत्र (Assembly Constituency) आते हैं. जिसमें राजनांदगांव (Rajnandgaon), खुज्जी (Khujji), मोहला मानपुर (Mohla-Manpur ), डोंगरगांव (Dongargaon), खैरागढ़ (Khairagarh), डोंगरगढ़(Dongargarh), कवर्धा (Kawardha) और पंडरिया (Pandariya) शामिल है.

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इन 8 सीटों में से 5 सीटों पर कांग्रेस के विधायक इस बार विधानसभा चुनाव में जीत के आए हैं, तो वहीं 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के विधायक जीत कर आए हैं. इस लिहाज से कहीं ना कहीं विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की बढ़त है.

Lok Sabha Election 2024: राजनांदगांव लोकसभा सीट के पिछले पांच चुनावी परिणाम

बीते पांच लोकसभा चुनाव का ऐसा था परिणाम

राजनांदगांव लोकसभा सीट की बात करें तो बीते 5 में चुनावों से यह सीट बीजेपी के कब्जे में रही है. हालांकि बीच में एक उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. 1999 में इसी सीट से रमन सिंह को जीत को मिली, 2004 में प्रदीप गांधी जीते लेकिन 2007 के उपचुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह यहां से जीत गए, 2009 में मधुसूदन यादव यहां से सांसद थे तो वहीं 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह यहां से सांसद बने. जबकि पिछले यानी 2019 में संतोष पांडे को पार्टी ने मौका दिया और वह सांसद बने इसलिए इस लोकसभा सीट पर ज्यादातर बीजेपी का कब्जा रहा है.

राजनांदगांव बीजेपी का गढ़ है. पूर्व मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र और जिला होने के कारण भी सीट का महत्व बढ़ जाता है. बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लग रही है तो ही कांग्रेस भी इससे पीछे नहीं है.

यहां के मुद्दों पर एक नजर

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में राजनांदगांव जिला,कवर्धा जिला, नवगठित खैरागढ़ छुईखदान गंडई जिला और नवगठित मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिला शामिल है, इस लिहाज से इस लोकसभा क्षेत्र में 4 जिले शामिल हैं. जहां मूलभूत सुविधाएं ही प्रमुख मुद्दे हैं. बेरोजगारों के लिए रोजगार (Employment) सहित कोई बड़ा उद्योग राजनांदगांव जिले में नहीं है. इसके साथ ही नवगठित दोनों जिले का विकास भी किया जाना है, सड़क, प्रधानमंत्री आवास, शिक्षा और रोजगार ही प्रमुख मुद्दे हैं.

इसके साथ ही मूलभूत सुविधाएं भी एक बड़ा मुद्दा इस लोकसभा चुनाव में रहेगा जिसको देखते हुए जनता वोट करेगी. वनांचल जिला होने के कारण वनांचल क्षेत्र में भी विकास होने हैं. कोई बड़ा उद्योग नहीं होने के कारण युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ता है. लगातार एक बड़े उद्योग की मांग जनता करती आई है, देखना होगा कि इस बार लोकसभा चुनाव में मूलभूत सुविधाओं को लेकर जनता किस तरीके से वोट करती है.

राजनीतिक समीकरण

राजनीतिक रूप से देखा जाए तो राजनांदगांव जिला शुरू से ही छत्तीसगढ़ के प्रमुख चर्चित जिलों में से एक रहा है. कई बड़े कांग्रेस (Congress Leader) और बीजेपी (BJP Leader) के वरिष्ठ नेता यहां से आते हैं, इस लिहाज से यह जिला छत्तीसगढ़ में खास है.
 

15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह इस जिले से विधायक हैं और लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. दोनों ही प्रमुख दलों ने एक बड़ा दाव यहां खेल है. भाजपा ने इस बार संतोष पांडे पर दाव लगाया है तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. 2019 में तो संतोष पांडे ने यहां से जीत दर्ज की थी. वहीं इस बार देखना होगा कि कौन सी पार्टी जीत कर आती है और जनता किस पर विश्वास जताती है.

संतोष पांडे का सियासी सफर ऐसा रहा

संतोष पांडे का जन्म 31 दिसंबर 1967 को कबीरधाम जिले के सहसपुर में हुआ. उनके पिता का नाम स्वर्गीय शिव प्रसाद पांडे और माता का नाम सोना देवी पांडे है. सांसद संतोष पांडे की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी पूरी तरीके से बीजेपी से जुड़ी रही है. उनके पिता स्वर्गीय शिव प्रसाद पांडे सहसपुर लोहारा मंडल के दो बार मंडल अध्यक्ष रहे, इसके साथ ही उनकी माता सोना देवी पांडे अविभाजित मध्य प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य थीं. इसके साथ ही इनका परिवार आरएसएस (RSS) यानी कि संघ से जुड़ा हुआ रहा है.

सांसद संतोष पांडे ने एलएलबी की पढ़ाई की है और कृषक परिवार से आते हैं. बचपन से ही यह आरएसएस से जुड़े रहे. इसके साथ ही भाजपा के मंडल अध्यक्ष से लेकर राजनांदगांव जिला के युवा मोर्चा के दो बार अध्यक्ष रहे, बीजेपी के दो बार प्रदेश मंत्री रहने के अलावा यह प्रदेश महामंत्री भी रहे और कृषि उपज मंडी कवर्धा के अध्यक्ष रहे.

बीजेपी शासन काल में खेल एवं युवा कल्याण आयोग के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. सांसद संतोष पांडे ने 2003 में विधानसभा परिसीमन होने से पूर्व वीरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ा. युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी रहे और दोनों विकास यात्रा के रथ प्रभारी रहे इसके साथ ही प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रांत के सहसंयोजक रहे. वहीं राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से 17वीं लोकसभा में सांसद बने वर्तमान में वह राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सांसद हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जीवन ऐसा रहा

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. भूपेश बघेल का जन्म दुर्ग जिले में हुआ है. वर्तमान में वह पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं. उनके पिता का नाम नंदकुमार बघेल और माता का नाम बिंदेश्वरी बघेल है.

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुरू से ही राजनीति से प्रभावित रहे और भारतीय युवा कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य रहे इसके साथ ही महासचिव और प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यक्रम समन्वयक भी रहे. 1993 में पहली बार पाटन से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए वह चुने गए, 1990 से 1994 तक वह जिला युवा कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष रहे और 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निर्देशक भी रहे.

इसके साथ ही 90 के दशक में दिग्विजय सिंह सरकार में अविभाजित मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी रहे. इसके साथ ही समय-समय पर कांग्रेस द्वारा दिए गए दायित्वों का उन्होंने निर्वाहन किया वर्तमान में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने राजनांदगांव लोकसभा सीट से भूपेश बघेल को उम्मीदवार घोषित किया है.

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