Lok Sabha Election 2024: नक्सलियों ने पिता को मार डाला, भाई को अगवा किया...अब बस्तर में विदेश से डॉक्टर साहब आए चुनाव लड़ने

Lok Sabha Election 2024: साल 2023 में किर्गिस्तान से MBBS की पढ़ाई पूरी करने वाले प्रकाश चिकित्सा की बजाए राजनीति में अपना भविष्य देखने लगे हैं. प्रकाश का दावा है कि उन्हें कुछ क्षेत्रीय दल और सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है. प्रकाश कुटरू जमींदार परिवार से पूर्व सांसद रहे दिवंगत दृगपाल शाह को अपना आदर्श मानते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Bastar Lok Sabha Seat: बस्तर लोकसभा (Lok Sabha Election) के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. कहने को तो यहां मुकाबला भाजपा(BJP)-कांग्रेस  (Congress) के बीच है. भाजपा सत्ता में है. वहीं, कांग्रेस से उम्मीदवार कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) अपनी चिर परिचित अंदाज वाली राजनीति से मतदाताओं को रिझा रहे हैं. पार्टी  सिंबल और लंबे राजनीतिक अनुभव वाले प्रत्याशियों के बीच एक और नाम की भी चर्चा जोरों पर है. दरअसल,  अनपढ़ लखमा और मैट्रिक पास महेश गागड़ा (Mahesh gagda) के सामने ताल ठोक रहे इस उम्मीदवार ने MBBS की पढ़ाई की है. डॉक्टरी पेशे में जाने के लिए होने वाली FMGI की तैयारी छोड़कर वह बस्तर लोकसभा से ताल ठोक रखी है.

यह नौजवान और शिक्षित प्रत्याशी है बीजापुर के धुर माओवाद ग्रस्त फरसेगढ़ का रहने वाला प्रकाश गोटा. उन्होंने बस्तर संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा है.

किर्गिस्तान से MBBS की पढ़ाई

साल 2023 में किर्गिस्तान से MBBS की पढ़ाई पूरी करने वाले प्रकाश चिकित्सा की बजाए राजनीति में अपना भविष्य देखने लगे हैं. प्रकाश का दावा है कि उन्हें कुछ क्षेत्रीय दल और सामाजिक संगठनों का समर्थन प्राप्त है. प्रकाश कुटरू जमींदार परिवार से पूर्व सांसद रहे दिवंगत दृगपाल शाह को अपना आदर्श मानते हैं.

Advertisement

नक्सली हमले में हो गई थी पिता की मौत

फरसेगढ़ निवासी प्रकाश का परिवार भी नक्सल पीड़ित परिवारों में शामिल हैं. साल 2012 में प्रकाश के पिता की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. उनके पिता चिन्ना राम गोटे सलवा जुडूम के प्रथम पंक्ति के नेतृत्वकर्ताओं में से थे और दिवंगत दिग्गज कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा के करीबी भी थे. वहीं, बीते वर्ष प्रकाश के भाई महेश को भी माओवादियों ने अपहरण कर हत्या की कोशिश की थी. नक्सलियों से मिले जख्म के बाद प्रकाश अब चिकित्सा के पेशे को अपनाने के बजाए राजनीति में आना चाहते हैं.

Advertisement

नक्सलवाद क खात्मे का है पूरा प्लान

प्रकाश के लिए मुख्य एजेंडा नक्सलवाद की समस्या को खत्म करना है. वह कहते  हैं कि नक्सलवाद का हल केवल वार्ता से सम्भव है. वार्ता की स्थिति निर्मित करने के लिए ग्रामीण इलाकों की बुनियादी जरूरतें पहले पूरी की जाए. बस्तर से लौह अयस्क का दोहन के बदले पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, क्वालिटी एजुकेशन की व्यवस्था पहले की जाए.

Advertisement

ये भी पढ़ें2000 करोड़ रुपये के घोटाले का केस सुप्रीम कोर्ट में रद्द होने पर घिरी ED, लगे ये गंभीर आरोप

 राजनीति में अनुभवहीन होने के सवाल पर प्रकाश कहते हैं कि राजनीति में कदम रखने के पीछे उनका उद्देश्य बस्तर के नौजवानों को प्रेरित करना है, जिससे वे भी राजनीति में आए और बस्तर की जनता के मन में बदलाव की नई उम्मीद बनकर उभरे. लखमा-महेश की राजनीतिक दक्षता के सवाल पर प्रकाश कहते हैं कि लखमा निरक्षर नेता है. उनसे बस्तर के विकास की रूपरेखा की उम्मीद नहीं की जा सकती है. इसी तरह महेश पार्टी का मुखौटा मात्र है, जबकि वे MBBS पास एक शिक्षित नौजवान है. लिहाजा, एक पढ़ा लिखा नौजवान ही राजनीति को नई दिशा प्रदान कर सकता है.

ये भी पढ़ेंसुप्रीम कोर्ट में ईडी नहीं साबित कर पाई 2000 करोड़ रुपये का घोटाला, मामला हुआ रद्द