Elephant Group: छत्तीसगढ़ में यहां आ गया ग्यारह हाथियों का दल, डर के साये में ग्रामीण

Elephant Group Entered In Koriya: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में ग्यारह हाथियों का दल जिला मुख्यालय से लगे सलबा, सलका के नजदीक है. रविवार देर रात हाथी स्टेट हाइवे को पार कर हाथी सलबा के कांदाबाड़ी में डेरा जमाए हुए हैं. हाथियों की धमक के बाद मेंको सलबा सड़क पर शाम ढलने के बाद आने जाने पर रोक लगा दी गई .

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Elephant In CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ के कोरिया में हाथियों का एक समूह रिहायसी इलाकों में इंटर कर रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बार कांदाबाड़ी में हाथी हफ्तेभर से अधिक रूके थे. कई बार तो हाथी महीने भर यहीं डेरा जमाए रहते हैं. अगर हाथियों का दल हाइवे के नजदीक आ गया, तो खतरा बढ़ जाएगा. क्योंकि हाथी स्टेट हाइवे से डेढ़ किमी ही दूर हैं. हाथी समिति का कहना है कि दो दिन पहले ही हाथी दल के आने की सूचना ग्रामीणों को दे दी गई थी.

सुबह हाथी दल कांदाबाड़ी पहुंचा

रविवार सुबह हाथी दल कांदाबाड़ी पहुंचा है. वन अफसरों ने ग्रामीणों से कहा है कि वे महुआ शराब न बनाएं. महुए की खुशबू से हाथी गांव में पहुंचकर कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. सलबा जंगल हाइवे से लगा हुआ है, ऐसे में खतरा अधिक है. हाथियों के दल ने सलबा में तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन दुधनिया में उन्होंने खेतों में लगी फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया.

हाथी की गर्जना से पूरे इलाके में दहशत 

हाथी की गर्जना से पूरे इलाके में दहशत है. जिला मुख्यालय से लगे सलबा-सलका में हाथी दल की आमद के बाद के किसान दहशत में है, क्योंकि धान की फसल अब खेतों में तैयार हो रही है. अब हाथियों से धान की सुरक्षा करने में परेशानी हो रही है.

फेसिंग तार, बोर्ड की जाली को हाथियों ने तोड़ा

सलबा के चाैकीदार मैनुद्दीन ने बताया कि 5 साल पहले आए दल ने फेसिंग तार, चेतावनी बोर्ड को तोड़ दिया था. गांव में हाथी भगाने के लिए समिति में चार पदाधिकारी व 10 सदस्य हैं. वह 10 साल से हाथियों और ग्रामीणों का द्वंद रोकने का कार्य कर रहे हैं. सलबा मेंको सड़क पर देर शाम आने जाने पर रोक लगा दी गई है. हाथियों ने कांदाबाड़ी जंगल में डेरा डाल दिया है.

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मुख्यालय के नजदीक हाथियों का मूवमेंट

जिला मुख्यालय के नजदीक हाथियों का मूवमेंट बढ़ने से लोग दहशत में हैं. हालांकि, वन अफसरों का कहना है कि हाथी अपने रास्ते कोरबा जिले की ओर आगे बढ़ जाएंगे. एसडीओ ने बताया कि हफ्तेभर पहले ही हाथियों का दल मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ की सीमा बिहारपुर में दाखिल हुआ है. अभी कुछ किसानों के खेतों में लगी धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है. किसानों और ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है कि वे हाथियों के आसपास न जाएं. क्योंकि, वे इस समय शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं.

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 कांदीबाड़ी में बुजुर्ग को हाथी ने मार डाला था

कोरिया जिला हाथियों के रहने के लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन प्रजनन के लिए यहां उन्हें अच्छा वातावरण मिलता है. 5 साल पहले कांदाबाड़ी में हाथी दल एक महीने ठहरा था. हाथियों के चपेट में आने से एक बुजुर्ग की मौत भी हो चुकी है. वहीं ग्रामीण बताते हैं कि आठ साल पहले कांदाबाड़ी के आसपास हाथियों ने कई जानें ली है, जिस कारण वन विभाग ने यहां हाथी समिति बनाकर तारों का घेराव और चेतावनी बोर्ड लगवाया था.

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