Putu Vegetables: मटन, चिकन और पनीर पड़ गया फीका! जानें, क्यों इतनी डिमांड में है 800 रुपए किलो का 'पुटू'

Wild Mushroom: वर्तमान में 800 रुपए प्रति किलो बिक रही पुटू सब्जी को लोग पनीर, मटन और चिकन के ऊपर तवज्जों देकर खरीद रहे हैं. पुटू सब्जी खरीदने में लोगों की बढ़ी दिलचस्पी कारण उसके पौष्टिकीय गुण हैं. प्रोटीन की प्रचुर मात्रा वाला पुटू शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मददगार होती है.

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Putu put behind in face with mutton and cheese

Putu Vegetables: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के जंगलों में उगने वाली जंगली सब्जी "पुटू" इन दिनों खूब सुर्खियों में है. जिला मुख्यालय बैकुंठपुर समेत आसपास के शहरों में चर्चा का विषय बनी पुटु सब्जी इतनी महंगी बिक रही है कि कीमत के मामले में पनीर, मछली, चिकन और मटन की कीमत भी उसके आगे फीके पड़ गए हैं.

वर्तमान में 800 रुपए प्रति किलो बिक रही पुटू सब्जी को लोग पनीर, मटन और चिकन के ऊपर तवज्जों देकर खरीद रहे हैं. पुटू सब्जी खरीदने में लोगों की बढ़ी दिलचस्पी कारण उसके पौष्टिकीय गुण हैं. प्रोटीन की प्रचुर मात्रा वाला पुटू शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में काफी मददगार होती है.

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बरसात के मौसम में उगने वाली पुटू का बेसब्री से इंतजार करते हैं लोग

दरअसल, मशरूम की एक दुर्लभ प्रजाति "पुटू" सब्जी मानसून की पहली बारिश के बाद साल के पेड़ों के नीचे उगती है. बरसात के मौसम में हर साल कुछ ही हफ्तों के लिए उपलब्ध रहने वाली पुटू का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं. जंगलों में रहने वाले ग्रामीण लोग सावधानी पूर्वक उखाड़कर बाजार में बेचते हैं. 

शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होती है प्रोटीन युक्त पुटू सब्जी

रिपोर्ट के मुताबिक "पुटू" सब्जी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है और यह शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार होती है. इस सब्जी की खासियत यह है कि इसको मीट की तरह बनाया जाता है. इसकी बनावट भी कुछ-कुछ मीट जैसी होती है, जिससे शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही लोग इसे पसंद कर रहे हैं.

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बैकुंठपुर शहर में जगह-जगह ग्रामीण महिलाएं और पुरुष प्रोटीन युक्त  "पुटू" सब्जी को सजाकर दुकान पर बेचते हैं. ग्रामीण इलाकों में अत्यधिक लोकप्रिय पुटू सब्जी की लोकप्रियता अब शहरों तक फैल चुकी है, जहां लोग इसके स्वाद और सेहत लाभों को लेकर जागरूक हुए हैं.

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मसालेदार ग्रेवी में पकाई जाने वाली "पुटू" मांसाहारी व्यंजनों से कम नहीं

मसालेदार ग्रेवी में पकाई जाने वाली "पुटू" का स्वाद चखने वाले कहते हैं कि यह मांसाहारी व्यंजनों से कम नहीं है. "पुटू" की बढ़ती मांग से ग्रामीणों को अच्छा आर्थिक लाभ हो रहा है. जंगलों से सीधा बाजार तक पहुंची यह सब्जी न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद लाभकारी मानी जा रही है.

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पुटू"खाने में कोई दिक्कत नहीं, लेकिन पुराने सब्जी से सावधानी जरूरी 

वर्तमान समय में बाजार में सबसे अधिक लोकप्रिय सब्जी में शुमार "पुटू" की सब्जी को ताजा खाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन पुराना अथवा जंगल से लाकर देर तक रखा हुआ पुटू स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. कहते हैं पुराना और देर तक रखा हुआ पुटू सब्जी जहरीला बन सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है.

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विशेषज्ञों के अनुसार, "पुटू" की कई प्रजातियां होती हैं, इनमें आयस्टर, बटर और स्थानीय जंगलों में मिलने वाले कई प्रकार शामिल है. इनमें जंगल से जो पुटू लाया जाता है, उसकी चर्चा सबसे अधिक होती है. वहीं, शहर की दुकानों में खासकर बटर मशरूम उपलब्ध है.

लंबे समय तक स्टोर नहीं किया जा सकते आयस्टर प्रजाति वाले पुटू

आयस्टर प्रजाति वाले पुटू को ताजे रूप में हार्वेस्ट करके तुरंत ही खाना बेहतर होता है, क्योंकि यह 24 घंटे में खराब हो जाता है. ग्रामीण और आदिवासी समुदाय द्वारा जंगल से लाए गए पुटू यदि ताजे रूप में तुरंत बाजार में बेचे जाएं तो वे सुरक्षित होते हैं, लेकिन यदि वे पुराने हो जाएं और फिर उनका सेवन किया जाए, तो बीमार पड़ने का खतरा रहता है.

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