कोरिया में डूबते सूर्य को दिया गया पहला अर्घ्य, छठ गीतों से गूंजे घाट... चरचा बना भक्तिमय

Chhath Puja 2025: व्रतधारी महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों में सोलह श्रृंगार के साथ भगवान भास्कर और छठी मइया की आराधना में लीन दिखीं. हाथों में डाला लिए, फल, नारियल, दीपक, गन्ना और प्रसाद की थाल सजाकर महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से सूर्य देव को संध्या अर्घ्य समर्पित किया.

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Korea Chhath Puja 2025 Photo: कोरिया जिले के नगर पालिका शिवपुर चरचा में छठ महापर्व की भव्यता और आस्था का अद्भुत संगम एक बार फिर देखने को मिला. आज शाम के समय हजारों की संख्या में श्रद्धालु व्रतधारी महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और परिवारजन घाटों पर पहुंचे और डूबते सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। छठ पूजा का यह अनोखा दृश्य श्रद्धा, अनुशासन और पूर्ण आस्था की मिसाल रहा.

नगर के विभिन्न नदी-तालाब घाटों में सुबह से ही तैयारियों का दौर जारी था. साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन, नगर पालिका और छठ पूजा समितियों ने मिलकर विशेष इंतजाम किए थेटघाटों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति और हर्षोल्लास साफ झलक रहा था.

व्रतधारी महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों में सोलह श्रृंगार के साथ भगवान भास्कर और छठी मइया की आराधना में लीन दिखीं. हाथों में डाला लिए, फल, नारियल, दीपक, गन्ना और प्रसाद की थाल सजाकर महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से सूर्य देव को संध्या अर्घ्य समर्पित किया.

इस दौरान नदी-तालाब के जल में खड़े होकर की गई पूजा के दृश्य मन को भक्ति की गहराई से भर देने वाले थे. वातावरण में छठ गीतों की मधुर गूंज, ढोल-नगाड़ों की थाप और लोक परंपरा का रंग पूरे शहर में फैल गया. छठ पर्व को लेकर लोगों में विशेष उत्साह देखने को मिला, घरों और गलियों में साफ-सफाई से लेकर प्रसाद बनाने तक हर जगह पवित्रता और अनुशासन का माहौल रहा. परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की लंबी आयु और जीवन में मंगलकामना के साथ किए जाने वाले इस पर्व में हर किसी के मन में शुद्ध आस्था दिखाई दी.

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सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैद रहा. चारों ओर बैरिकेडिंग, निगरानी और व्यवस्था को सुचारू बनाने में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने भी पानी, प्राथमिक उपचार और मार्गदर्शन के लिए शिविर लगाए. कल प्रातःकाल उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के साथ छठ महापर्व का विधिवत समापन होगा. रातभर घाटों पर भक्ति, गीत-संगीत और पूजा की निरंतरता बनी रहेगी. इस पावन अवसर पर पूरा शिवपुर चरचा भक्ति और आस्था के रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है.

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