'हाथ' से फिसल रहा छत्तीसगढ़, क्या 'काका' बचा पाएंगे पाटन? एक नजर भूपेश बघेल के सियासी सफर पर

Bhupesh Baghel Profile : साल 2018 में भूपेश बघेल पाटन से जीतकर 5वीं बार विधायक और छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री बने. छत्तीसगढ़ में लोग बघेल को प्यार से 'काका' कहकर पुकारते हैं.

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भूपेश बघेल का सियासी सफर

Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg) जिले के एक किसान परिवार में हुआ था. बघेल का राजनीतिक करियर 1980 के दशक में शुरू हुआ. 1985 में उन्होंने इंडियन यूथ कांग्रेस जॉइन की और अपनी सियासी पारी की शुरुआत की. भूपेश बघेल 1993 में पाटन विधानसभा सीट (Patan Assembly Seat) से जीतकर पहली बार विधायक बने थे. बघेल ने अपनी जीत का सिलसिला अगले दो चुनावों में भी बरकरार रखा और 1998 और 2003 में पाटन से जीत की हैट्रिक लगाई.

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अजीत जोगी सरकार में बने मंत्री

1998 में जब कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो भूपेश बघेल को उनके कैबिनेट में बतौर परिवहन मंत्री जगह दी गई. साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ तो बघेल अजीत जोगी सरकार (2000-2003) में राजस्व मंत्री के पद पर कार्यरत हुए. लेकिन साल 2004 की शुरुआत बघेल के राजनीतिक करियर के लिए अच्छी नहीं थी.

सियासी करियर का बुरा दौर

भूपेश बघेल ने 2004 के बाद कई हारों का सामना किया. वह 2004 के आम चुनावों में दुर्ग से हार गए. 2008 में बीजेपी के विजय बघेल ने बघेल को विधानसभा चुनावों में मात दी. 2009 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने उन्हें रायपुर से उतारा लेकिन बघेल को एक बार फिर हार मिली. लेकिन 2013 के विधानसभा चुनावों में भूपेश बघेल का राजनीतिक वनवास खत्म हो गया और उन्होंने पाटन विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की जो 2018 में भी कायम रही. 

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एक बार फिर पाटन से मैदान में

साल 2014 से 2019 तक बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. साल 2018 में भूपेश बघेल पाटन से जीतकर 5वीं बार विधायक और छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री बने. छत्तीसगढ़ में लोग बघेल को प्यार से 'काका' कहकर पुकारते हैं. 2023 में भी वह पाटन सीट से मैदान में हैं और फिलहाल बीजेपी के विजय बघेल से 10 हजार से अधिक वोटों के अंतर से आगे हैं.

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