प्रशासन बना जल्लाद: पट्टे की जमीन पर बने मकानों पर बिना नोटिस चला बुलडोजर, ठंड में बेघर हुए परिवार के बिलख रहे बच्चे

Bulldozer Action In Chhattisgarh: पीड़ित परिवारों में से कई का दावा है कि शासन की ओर से ये जमी उन्हें पट्टे में दिया गया था, जिसके दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मात्र 100 मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े अवैध कब्जे मौजूद हैं, लेकिन प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि गरीब आदिवासी परिवारों पर बिना नोटिस दिए बुलडोजर चला दिया गया.

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Bulldozer Action News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल (Shyam Bihari Jayaswal) के विधानसभा क्षेत्र से एक गंभीर मामला सामने आया है. मनेंद्रगढ़ के रतनपुर–बिलासपुर स्टेट फॉरेस्ट क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण के आरोप में खड़गवां वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया. कार्रवाई के बाद अब छोटे बच्चों और महिलाओं को ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने की मजबूर होना पड़ रहा है.

यह सब ऐसे वक्त में क्या गया, जबकि पीड़ित परिवारों में से कई का दावा है कि शासन की ओर से ये जमी उन्हें पट्टे में दिया गया था, जिसके दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं. वहीं, फॉरेस्ट विभाग का कहना है कि लंबे समय से स्टेट फॉरेस्ट क्षेत्र में कुछ लोगों की ओर से पक्का निर्माण कर वन भूमि पर कब्जा किए जाने की शिकायतें सामने आ रही थीं. जांच के बाद विभाग ने चार मकानों को अवैध मानते हुए जेसीबी की मदद से तोड़ दिया.कार्रवाई के दौरान वन रक्षक, चौकी प्रभारी और पुलिस बल मौजूद थे.

गरीबों के मकानों पर बुलडोजर पर गरमाई सियासत

इस कार्रवाई ने स्थानीय राजनीति में भारी विवाद खड़ा कर दिया. जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि खड़गवां ब्लॉक के रतनपुर कोडागी क्षेत्र में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा और धनुवार परिवारों के वैध आवासों को तोड़ा गया है, जबकि उनको शासन की ओर से अधिकृत पट्टा दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई सत्ता में बैठे लोगों की ओर से पोषित अधिकारियों के गुंडाराज का उदाहरण है.

'बिना नोटिस दिए चला दिया बुलडोजर'

श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मात्र 100 मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े अवैध कब्जे मौजूद हैं, लेकिन प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि गरीब आदिवासी परिवारों पर बिना नोटिस दिए बुलडोजर चला दिया गया. कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि यदि यह जमीन वास्तव में अवैध थी, तो घर बनाते समय प्रशासन ने रोक क्यों नहीं लगाई और फिर उन्हीं दस्तावेजों पर तहसीलदार और कलेक्टर ने हस्ताक्षर कैसे किए. अब वन विभाग उन्हीं पट्टों को फर्जी बता रहा है, जिससे आदिवासी परिवारों में भारी आक्रोश है.

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उन्होंने कहा कि 27 तारीख को भारतीय जनता पार्टी के मनेद्रगढ़ जिला कार्यालय का उद्घाटन होने जा रहा है और यदि तीन दिनों के भीतर गरीबों के घर तोड़ने वालों पर कार्रवाई या एफआईआर नहीं की गई, तो प्रदेश अध्यक्ष के आगमन पर मनेद्रगढ़ के लोग काला झंडा दिखाकर विरोध करेंगे. पूरा बैगा और धनवार समुदाय इस आंदोलन में साथ रहने की बात कह रहा है.

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