Bird House: घर के अंदर बनाए 50 से ज्यादा घोंसले, युवती ने बेजुबानों को बनाया अपना फैमली मेंबर

Bird House in Kanker: कांकेर में एक युवती ने अपने घर को ही चिड़िया घर बना दिया है. शहर के लोगों के लिए युवती ने अपने घर के अंदर 50 से ज्यादा घोंसले बनाए हैं. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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घर को बना दिया चिड़िया घर

Special Bird House in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के कांकेर (Kanker) शहर के आमापारा वार्ड में बेजुबान पंक्षियों के रहवास के लिए स्मिता खटवानी (Smita Khatwani) नाम की युवती ने अपने दो मंजिला मकान को चिड़िया घर (Bird House) बना दिया है. घर में 50 से भी अधिक घोसले लगाकर हर दिन उनके भोजन और पानी की व्यवस्था कर रही है. लगभग 10 से 12 प्रकार के विभिन्न पक्षी इस चिड़िया घर को अब अपना घर समझने लगे है. घर में दिन-रात चिड़ियों के चहचहाहट की आवाजें घुंजती रहती है, जो परिवार को एक नई ऊर्जा देती है.

घर में बना दिए 50 से ज्यादा घोंसले

गांव में पेड़-पौधे और पक्षियों से खेलने की थी आदत

पशु-पक्षियों से प्रेम करने वाली स्मिता खटवानी ने बताया कि शहर में आने के पूर्व वह गांव में रहा करती थी. उस दौरान वह गांव में हरेभरे पेड़-पौधे और पक्षियों को देख उनके साथ खेलती थी. परिवार के शहर आने के बाद यह सब वातावरण उन्हें दूर ना कर दे, इसलिए उन्होंने पशु-पक्षियों के लिए काम करना शुरू किया. शुरुआती समय में वह शहर व आसपास के इलाके में लोगों को जागरूक करने सकोरे, पक्षियों के रहने के लिए घर व अन्य चीजें किया करती थी.

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आज लगभग 50 से अधिक बांस, लकड़ी, नारियल रस्सी, कपास व अन्य चीजों के घोसले बनाकर स्मिता ने रखा है. इनमें लगभग 10 से 12 प्रजाति के पक्षी रहते हैं.

इन चीजों को देती हैं खाने में

स्मिता भोजन में इन्हें चावल के टुकड़े, चने के टुकड़े, धान की बालियां सहित अन्य चीजें भोजन के रूप में परोसती है. हर जगहों पर पानी के पात्र भी भर कर रखे है ताकि पक्षी पानी पी सकें. उन्हें प्राकृतिक वातावरण का अनुभव हो इसके लिए उन्होंने घर को विभिन्न पेड़-पौधों से सजा रखा है. उन्होंने बताया कि पक्षी अब इसे अपना घर समझने लगे है, जो बच्चो को जन्म भी दे रहे हैं.

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घर में बना दिए 50 से ज्यादा घोंसले

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जानवरों की खास सेवा करती हैं स्मिता

स्मिता ने बताया कि पक्षियों को सहेजने के लिए वह लोगों को चिड़ियां के रहने के लिए लकड़ी का घर और पीने के पानी के लिए सकोरो बांटती है. साथ ही, उन्होंने अन्य पशुओं तक भोजन पहुंचाने के लिए एक ऑटो खरीदा है, जिसे लेकर वह रोजना कुत्तों को दूध और ब्रेड व अन्य मवेशियों को भोजन खिलाती है. सप्ताह में एक दिन केशकाल घाट पहुंच कर यहां रहने वाले बंदरों को फल खिलाती है.

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