Chhattisagrh News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के गांव मासुलपानी देश में प्रदेश का मान बढ़ाया है. इस गांव में जल संरक्षण को लेकर ऐसा काम हुआ है कि देशभर में दूसरा स्थान मिल गया.आज 22 अक्टूबर को प्लेनरी हॉल, विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों सम्मान मिलेगा.
पूरे देश में हो रही है तारीफ़
बस्तर अब बदल रहा है. लोग जागरूक होकर अपने क्षेत्रों को नए आयाम तक पहुंचाने कड़ी मेहनत कर रहे हैं.जिसका उदाहरण है कांकेर जिले का गांव मासुलपानी.जहां की ग्रामीण महिलाओं और प्रशासनिक अमले ने मिलकर गांव में जल संरक्षण के लिए ऐसा कार्य किया है जिनकी तारीफ अब पूरे देश में हो रही है. जल संरक्षण करने वाले देश भर के जिलों में छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का मासुलपानी गांव दूसरे नंबर पर है. जिसका चयन 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2023 के लिए चयन किया गया है.
गांव में पानी की समस्या ना हो इसे लेकर जागरूक करने का प्रयास किया गया. उन्हें पानी के सर्वोत्तम उपयोग के तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए गए. लोगों में जागरूकता आई. जल संसाधन संरक्षण और प्रबंधन गतिविधियों में एक मजबूत साझेदारी और लोगों की भागीदारी को और मजबूत करने का अवसर प्रदान किया गया. ग्राम पंचायत में 161 जल शेड संरचनाएं बनाई गए. जिनमें 99 फार्म तालाब शामिल हैं. जो सुरक्षात्मक सिंचाई प्रदान करके किसानों का समर्थन कर रहे हैं.
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गांव में खुशी का माहौल
इस प्रयास से ना केवल गांव में पानी की समस्या दूर हुई बल्कि कृषि कार्यों में पानी का उपयोग किया जाने लगा. ग्रामीण दोहरी फसल लेकर आर्थिक लाभ ले रहे हैं.महिलाएं मछली पालन करने लगी हैं. मछली पालन कर आज गांव की महिलाएं लाखों रुपये कमा चुकी हैं.समूह की महिलाएं भी सशक्त बनती जा रही हैं.जल संरक्षण और इसके समुचित उपयोग की दिशा में इस नवाचार के लिए जिले की मासुलपानी ग्राम पंचायत देश की राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित एवं पुरस्कृत होगी. इस तरह के सम्मान की खबर से गांव में खुशी का माहौल हैं. लोग बेहद खुश हैं और आने वाले समय में इससे बेहतर कार्य करते हुए अन्य लोगों को इस नवाचार के प्रति प्रोत्साहित करने की ठान ली है.
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