जिसे मृत मानकर पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाई, वही युवक थाने पहुंचा, बोला- “साहब, मैं जिंदा हूं”

CG Crime News: छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस है, जिस युवक को मृत मानकर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया और उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, वही युवक जिंदा हालत में थाने पहुंच गया. उनसे पुलिस से कहा- मैं तो जिंदा हूं, रोजगार की तलाश में झारखंड गया था. युवक के वापस आने पर कई सवाल खड़े हो गए हैं, मर्डर का पूरा केस ही बदल गया है.

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Jashpur Murder Case: जिंदा लौटा युवक सीमित खाखा, पुलिस ने सीन रिक्रिएशन भी कराया था.

Jashpur Murder Case: छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस ने जिस युवक को मृत घोषित किया वह थाने पहुंच गया, उसने पुलिस से कहा- 'साहब, मैं तो जिंदा हूं और मेरी हत्या के आरोप में मेरे साथी जेल में बंद हैं. युवक की बात सुनकर पुलिस हैरान रह गई. हैरान करने वाला यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है. युवक का नाम सीमित खाखा है और उसकी उम्र 30 साल है. 

करीब 60 दिन पहले पुलिस को उसका शव अधजली हालत में मिला था. हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. हैरानी की बात यह भी है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने भी मजिस्ट्रेट के सामने उसकी हत्या करना कबूल किया था. ऐसे में बड़ा सवाल ये है की जुर्म न करने पर भी आरोपियों ने ऐसा क्यों किया. जिसकी लाश मिली थी वह व्यक्ति कौन था. उसकी हत्या किसने की है. इस तरह के तमाम सवाल अब खड़े हो रहे हैं. 

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सबसे पहले जानिए क्या है पूरा मामला? 

जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के पुरनानगर-तुरीटोंगरी जंगल में 22 अक्टूबर को एक युवक की अधजली लाश पुलिस को मिली थी. पुलिस ने जांच के बाद  ग्राम सिटोंगा निवासी सीमित खाखा (30) का शव मानते हुए हत्या का केस दर्ज किया. हत्या के आरोप में रामजीत राम, विरेंद्र राम, शीतल मिंज, जीतू राम और एक नाबालिग को पकड़कर जेल भेज दिया गया. मृतक के माता-पिता और भाई ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के सामने शव की पहचान की, वहीं आरोपियों ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सीमित खाखा की हत्या करना स्वीकार किया था. फॉरेंसिक टीम द्वारा सीन ऑफ क्राइम का रिक्रिएशन भी कराया. जांच के बाद पुलिस ने केस फाइल बंद कर दी.  

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काम करने झारखंड गया था युवक 

शनिवार रात को हत्या का यह मामला उस समय पलट गया, जब मृत घोषित किया गया सीमित खाखा ग्राम पंचायत सिटोंगा की सरपंच कल्पना खलखो के साथ खुद सिटी कोतवाली पहुंचा. उनसे पुलिस को बताया कि मेरी हत्या नहीं हुई, मैं जिंदा हूं. सीमित खाखा ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वह मजदूरी करने के लिए झारखंड गया था और गिरिडीह के सरईपाली गांव में काम कर रहा था. मोबाइल नहीं होने के कारण किसी से संपर्क नहीं कर पा रहा था.  

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मामले की जांच नए सिरे से की जा रही 

इस पूरे मामले को लेकर एसडीओपी चंद्रशेखर परमा ने कहा कि पुलिस ने शव की पहचान और हत्या का आरोप स्वीकार करने समेत सभी कानूनी प्रक्रियाएं मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पूरी की थी. सीमित खाखा के जीवित मिलने के बाद अब पूरे मामले की जांच नए सिरे से की जा रही है. जेल में बंद आरोपियों की रिहाई को लेकर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वास्तविक मृतक की पहचान के लिए राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित कर जांच जारी है.  
 

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