India Post APT: छत्तीसगढ़ से शुरू हुआ इंडिया पोस्ट का आईटी 2.0 रोलआउट, डिजिटल इंडिया की बड़ी छलांग

India Post Advanced Postal Technology: एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (APT) प्लेटफॉर्म को भारत में ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी (CEPT) ने विकसित किया है. यह मेघराज 2.0 सरकारी क्लाउड पर आधारित है और बीएसएनएल की मजबूत राष्ट्रीय कनेक्टिविटी से संचालित है.

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India Post APT: छत्तीसगढ़ से शुरू हुआ इंडिया पोस्ट का आईटी 2.0 रोलआउट, डिजिटल युग की ऐतिहासिक छलांग

India Post Advanced Postal Technology: इंडिया पोस्ट के डिजिटल परिवर्तन की यात्रा में छत्तीसगढ़ ने एक विशेष पहचान बनाई है. राज्य से देशभर में आईटी 2.0 – एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (APT) के राष्ट्रीय रोलआउट की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न और संचार एवं डोनर मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के मार्गदर्शन में शुरू किया गया यह महत्वपूर्ण कदम, डाक विभाग के आधुनिकीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ है. यह पहल डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के लक्ष्यों से सीधे तौर पर जुड़ती है. मई–जून 2025 में कर्नाटक डाक सर्कल में सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद आईटी 2.0 का राष्ट्रीय रोलआउट चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया. इस प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ डाक सर्कल से हुई और 4 अगस्त 2025 तक यह पूरे देश के 23 डाक सर्कलों तक पहुँच गया. इसके साथ ही 1.70 लाख से अधिक डाकघर, मेल कार्यालय और प्रशासनिक इकाइयां एपीटी प्रणाली से जुड़ गईं.

क्या है एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी?

एडवांस्ड पोस्टल टेक्नोलॉजी (APT) प्लेटफॉर्म को भारत में ही सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी (CEPT) ने विकसित किया है. यह मेघराज 2.0 सरकारी क्लाउड पर आधारित है और बीएसएनएल की मजबूत राष्ट्रीय कनेक्टिविटी से संचालित है. आईटी मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट 1.0 की सफलता पर आधारित यह नया प्लेटफॉर्म माइक्रोसर्विस-आधारित आर्किटेक्चर पर तैयार किया गया है, जो तेज़, भरोसेमंद और नागरिक-केंद्रित सेवाएं उपलब्ध कराता है.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा, “एपीटी इंडिया पोस्ट को विश्वस्तरीय सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संस्था में बदल देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह आत्मनिर्भर भारत की असली ताक़त है, जो मज़बूत और स्वावलंबी डिजिटल इंडिया की दिशा तय कर रही है.”

एपीटी की प्रमुख विशेषताओं में एकीकृत यूज़र इंटरफ़ेस, बुकिंग से लेकर डिलीवरी तक डिजिटल समाधान, क्यूआर कोड आधारित भुगतान, ओटीपी आधारित डिलीवरी और सटीकता बढ़ाने के लिए 10 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक डिजीपिन शामिल है. साथ ही यह क्लाउड-रेडी है, ग्रामीण क्षेत्रों में भी भरोसेमंद कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है और उन्नत रिपोर्टिंग व एनालिटिक्स की सुविधा देता है.

तकनीकी बदलाव को सफल बनाने के लिए, इंडिया पोस्ट ने “ट्रेन – रिट्रेन – रिफ्रेश” सिद्धांत पर 4.6 लाख से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया. मास्टर ट्रेनर्स, यूज़र चैंपियंस और एंड-यूज़र्स की कैस्केड पद्धति से प्रशिक्षण सुनिश्चित किया गया, जिससे छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में नई प्रणाली का सुगम क्रियान्वयन संभव हुआ.

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इस प्रणाली की मज़बूती का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में 32 लाख से अधिक बुकिंग और 37 लाख डिलीवरी सफलतापूर्वक संपन्न हुईं.

आईटी 2.0 के पूरी तरह से लागू हो जाने के साथ, इंडिया पोस्ट एक आधुनिक, प्रौद्योगिकी-संचालित सेवा प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति को पुनः स्थापित करता है, साथ ही अपने भरोसे और अद्वितीय पहुँच की विरासत को भी बनाए रखता है. इस तथ्य कि रोलआउट की शुरुआत छत्तीसगढ़ से हुई, राज्य की इस नई डिजिटल युग को आगे बढ़ाने में केंद्रीय भूमिका को उजागर करता है, जो ग्रामीण–शहरी खाई को पाटते हुए, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देता है और देशभर के नागरिकों को विश्वस्तरीय डाक और वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है.

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