कोरबा में भूस्थापित लोगों ने SECL के खिलाफ किया प्रदर्शन, गुस्साए लोगों ने कोयले का आवागमन रोका

भूविस्थापितों ने कुसमुंडा थाना के पास कोल परिवहन की गाड़ियों को रोका. इसके बाद खदान से निकलने वाले सभी तीनों मार्ग को बंद कर दिया. इसके बाद से कोयले की एक भी गाड़ी को अंदर या बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है.

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छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में भूविस्थापितों ने SECL प्रबंधन के खिलाफ रैली निकाली.
कोरबा:

कोरबा में छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में भूविस्थापितों ने SECL प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस दौरान रोजगार प्रकरणों, जमीन वापसी, पट्टा, बसावट और प्रभावित गांव की समस्याओं को लेकर 54 गांव के भू विस्थापितों ने हजारों की संख्या में कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने एकत्रित होकर रैली निकाली. इससे पहले भूविस्थापितों ने कुसमुंडा थाना के पास कोल परिवहन की गाड़ियों को रोका. इसके बाद खदान से निकलने वाले सभी तीनों मार्ग को बंद कर दिया. इसके बाद से कोयले की एक भी गाड़ी को अंदर या बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है.

भूविस्थापितों द्वारा कोयले की एक भी गाड़ी को अंदर या बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है.

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प्रबंधन से बात हुई विफल

मामले को बढ़ता देख हरकत में आए  SECL प्रबंधन ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ भूविस्थापितों को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन भूविस्थापितों के नेतृत्व ने सक्षम अधिकारी के नहीं आने से उनसे बात नहीं की. इससे नाराज होकर भूविस्थापितों ने शाम को खदान में घुसकर साइलो से कोयला लादना भी बंद करवा दिया. आंदोलन पर बैठे भूविस्थापितों ने अपनी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं होने पर जिले से बाहर जाने वाले कोल परिवहन को अनिश्चितकालीन बंद करने की बात कही है.

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 SECL प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ भूविस्थापितों की बैठक असफल रही.

महिलाओं और बच्चों के साथ रात में धरने पर डटे भूस्थापित

भूस्थापितों द्वारा किए जाने वाले आंदोलन में महिलाएं अपने बच्चे भी शामिल हैं. ये सब वहीं रात में धरना स्थल पर खाना बना कर डटे हुए हैं. इनका कहना है कि जब तक इनकी मांगो पर SECL प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी ठोस आश्वासन नहीं देंगे तब तक भूस्थापित आंदोलन करने की जिद में अड़े रहेंगे.

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भूविस्थापित, महिलाओं और बच्चों के साथ रात में धरना स्थल पर खाना बना कर डटे हुए हैं.

आंदोलनकारियों की क्या है मांग

भूविस्थापित लोगों ने SECL प्रबंधन को 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है. उनकी मांग है कि वन टाइम सेटलमेंट कर रोजगार के पुराने लंबित मामलों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए. वहीं अर्जन के बाद जन्म वाले प्रकरण का निराकरण कर जिनकी भी जमीन अधिग्रहण की गई है उन्हें बिना शर्त रोजगार प्रदान किया जाए. इसके साथ ही पुरानी अर्जित भूमि को मूल खातेदारों को वापस कराई जाए. कोरबा, कुसमुंडा एवं अन्य क्षेत्र में अर्जित जमीन मूल खातेदारों को वापस किया जाए और जरूरत पड़ने पर पुन: अर्जन की प्रक्रिया पूरा कर पुनर्वास नीति के अनुसार भूविस्थापितों को लाभ दिलाया जाए.

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इसके अलावा भूविस्थापितों ने मांग की कि अर्जित गांव से विस्थापन से पूर्व उनके पुनर्वास स्थल में सर्व सुविधायुक्त व्यवस्था की जाए. वहीं आउट सोर्सिंग कार्यों में भूविस्थापितों एवं प्रभावित गांव के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए. इसके साथ ही महिलाओं को स्व रोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए और पुनर्वास गांव में काबिज भूविस्थापितों को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए. इसके अलावा उन्होंने मांग की कि विजयनगर, नेहरु नगर, गंगानगर समेत सभी पुनर्वास गांव को पूर्ण विकसित माडल गांव बनाया जाए.

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