अवैध कब्जा : जिसके सौंदर्यीकरण के लिये स्वीकृत हुए थे 1.22 करोड़ रुपये, वहां का नाला हुआ 'गायब'

वर्ष 2021 में इस शहर के गुरूनाला में सौंदर्यीकरण के लिये 1 करोड़ 22 लाख रूपये स्वीकृत हुए थे. लेकिन जब यहां पर कार्य करवाने के लिए नगरपालिका की टीम ने मुआयना किया तो राजस्व रिकार्ड के अनुसार नाला गायब मिला. इसके बाद नगर पालिका और राजस्व टीम (Revenue Team) ने नाले खोजबीन की, जिसमें चौंकाने वाला मामला सामने आया.

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कवर्धा:

Kabirdham News : छत्तीसगढ़ के कवर्धा (Kawardha) शहर में भू-माफियाओं का हौसले बुलंद हैं. दरअसल दो साल पहले वर्ष 2021 में इस शहर के गुरूनाला में सौंदर्यीकरण के लिये 1 करोड़ 22 लाख रूपये स्वीकृत हुए थे. लेकिन जब यहां पर कार्य करवाने के लिए नगरपालिका की टीम ने मुआयना किया तो राजस्व रिकार्ड के अनुसार नाला गायब मिला. इसके बाद नगर पालिका और राजस्व टीम (Revenue Team) ने नाले खोजबीन की, जिसमें चौंकाने वाला मामला सामने आया. अवैध कब्जा करने वालाें ने गुरूनाला के 22.59 एकड़ जमीन पर कालोनी बसा ली है. लगभग 50 से अधिक अवैध मकानों को तोड़ने का फरमान भी जारी हो चुका है. लेकिन रसूखदारों के आगे सब मूक बने रहे.

नरवा बचाव अभियान फेल

एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरुवा घूरवा बारी के योजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन शहर का गुरूनाला जिसके लगभग 22 एकड़ में अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है, उसे मुक्त नहीं करा पा रही है. इस अवैध कब्जे के कारण बरसात में यहां के रहवासियों के घर में घुसता है.

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जब कवर्धा शहर के गुरूनाला की जांच की गई थी तब रिकॉर्ड में 120 फीट चौड़ा नाला था, लेकिन अब नाले की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बेच दिया गया है. नाले की चौड़ाई अब कहीं 20 फीट तो कहीं 30 फीट हो चुकी है. नाले की सरकारी जमीन को पाटकर (फिलिंग करके) बेच दिया गया है.

अवैध प्लाटिंग का ये मामला दो वर्ष पहले सामने आया था, लेकिन पिछले दो साल से जांच अधूरी है. राजस्व विभाग के अमले ने उस जमीन की 20 साल पुरानी सर्च डिटेल खंगालने का दावा किया था लेकिन दो साल बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी.

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जांच के लिए टीम गठित

गुरूनाला का मूल स्वरूप भुईयां साफ्टवेयर में डिजिटल नक्शे की जरिये आसानी से देखा जा सकता है, लेकिन भू-माफियाओं ने वर्तमान में नाला में अवैध कब्जा कर घर बना लिया है. जिससे नाला का मूल स्वरूप ही बदल गया है. वहीं इस पूरे मामले की शिकायत कांग्रेस नेता विजय वैष्णव ने कलेक्टर से लेकर मंत्री तक की थी, जिसको संज्ञान में लेते हुए पूरे मामले की विस्तृत जांच करने के लिए टीम गठित की गई है और जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम भी दिया गया है. शिकायत में बताया गया है कि शहर से 200 करोड़ की लगभग 25 एकड़ सरकारी जमीन गायब है. इसमें गुरूनाला के आसपास जो निजी भूमि है उनके खसरे भी शामिल है.

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