Hostel Problem: आदिवासी बालक छात्रावास का भवन हो रहा जर्जर, पानी की भी हो रही परेशानी, सुनने वाला कोई नहीं!

Rajnandgaon Hostel Problem: राजनांदगांव के एक पोस्ट मैट्रिक होस्टल की हालत बहुत खराब है. यहां छत का प्लास्टर जर्जर हो चुका है और टूटकर गिर रहा है. इसको लेकर बच्चों ने शिकायत भी की है, लेकिन उनकी परेशानी पर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

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राजनांदगांव में होस्टल भवन हुआ जर्जर

Hostel in bad Condition: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) शहर के पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास (Post Matric Aadivasi Balak Hostel) महेश नगर में समस्याओं का अंबार है... यहां छात्रावास की कई रूम की छत जर्जर होकर गिर रही है. छात्रों को पीने की पानी और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. भवन के कई हिस्से जर्जर हो जाने के कारण आए दिन यहां रहने वाले बच्चे परेशान होते हैं. भवन से प्लास्टर गिर रहे हैं. इन सभी परेशानियों को लेकर बच्चे कलेक्टर के पास भी पहुंचे, लेकिन अभी तक उनकी परेशानी पर किसी ने संज्ञान नहीं लिया है.

होस्टल के छात्रों ने सुनाई अपनी परेशानी

होस्टल में नहीं है पीने का पानी

राजनांदगांव शहर के महेश नगर स्थित पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में राजनांदगांव,जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी,खैरागढ़ छुईखदान गंडई के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र से आए छात्र रहते हैं. छात्रावास में लगातार हो रही समस्याओं के कारण यहां रहने वाले छात्रों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होस्टल के रूम की प्लास्टर गिरने के कारण गंभीर घटना का डर हमेशा बना रहता है. इसके अलावा, पानी की समस्या से भी बच्चे जूझ रहे हैं. छात्रावास के बोर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आ रहा है. भवन में क्षमता से अधिक बच्चे रहते हैं.

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तय सीमा से अधिक बच्चे

इस छात्रावास को बने कई साल बीत गए हैं. पर्याप्त मात्रा में छात्रावास में सुविधा नहीं होने के कारण बच्चे परेशान हैं. इस होस्टल के लिए लगभग 50 बच्चों की निर्धारित संख्या है. लेकिन, 60 से 70 की संख्या में बच्चे यहां फिलहाल रहते हैं. पर्याप्त मात्रा में पानी और जर्जर भवन के कारण बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों द्वारा इसकी शिकायत कलेक्टर, विधायक और आदिम जाति कल्याण विभाग से की गई है. लेकिन, अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

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