Durg Loksabha Seat: राज्य गठन के बाद पलट गया था पासा, कांग्रेस के किले को ढहा बीजेपी करने लगी जीत हासिल

Loksabha Election 2024: छत्तीसगढ़ की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है दुर्ग लोकसभा सीट. 9 विधानसभा क्षेत्रों वाली इस इस सीट की चर्चा तब सबसे ज्यादा हुई थी जब इस विधानसभा चुनाव पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके चाचा विजय बघेल पाटन विधानसभा सीट से आमने-सामने थे. आइये आपको बताते हैं इस हाईप्रोफ़ाइल लोकसभा सीट का राजनीतिक समीकरण और इतिहास क्या है? 

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दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल और राजेंद्र साहू के बीच मुकाबला होगा

Loksabha Seat Durg: छत्तीसगढ़ की दुर्ग लोकसभा सीट  (Durg Loksabha Seat)का इतिहास बेहद ही रोचक रहा है. शुरूआती दौर में कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट का पासा तब पलट गया जब मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना. हालही में हुए विधानसभा चुनाव में पाटन सीट से पूर्व सीएम भूपेश बघेल और विजय बघेल के चुनावी मैदान में होने से दिलचस्पी और भी ज्यादा बढ़ गई थी.  इस लोकसभा चुनाव बीजेपी से विजय बघेल (Vijay Baghel) और कांग्रेस से राजेंद्र साहू (Rajendra Sahu)के बीच मुकाबला होगा.  

सबसे बड़ी आबादी साहू समाज की है

छत्तीसगढ़ राज्य के हृदय स्थल पर शिवनाथ नदी के पूर्व में स्थित दुर्ग जिला बसा है. इसका कुल क्षेत्रफल 271862 हेक्टेयर है. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी आबादी साहू समाज की है. करीब 35-40 प्रतिशत वोटर इसी समाज से हैं. वहीं कुर्मी वोटर लगभग 22 प्रतिशत और सतनामी समाज 20-22 प्रतिशत की संख्या में हैं. यहां जातिगत फैक्टर का असर भी काफी देखने को मिला है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के विजय बघेल और कांग्रेस से प्रतिमा चंद्राकर मैदान पर थे. ये दोनों कुर्मी समाज से ही हैं. राजधानी रायपुर से सटा होने के कारण इसका महत्व काफी बढ़ जाता है. दुर्ग लोकसभा सीट के अंतर्गत पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर,साजा, अहिवारा, वैशाली नगर, नवागढ़, बेमेतरा और भिलाई नगर सीट शामिल हैं. इन नौ विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर भाजपा जबकि 2 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. 

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विभाजन के बाद BJP का दबदबा 

दुर्ग लोकसभा सीट के लिए अब तक 17 बार आम चुनाव और एक बार उपचुनाव हुए हैं. जिसमें 10 बार कांग्रेस पार्टी और 6 बार बीजेपी ने जीत हासिल की है. जबकि, जनता पार्टी और जनता दल की एक-एक बार जीत हुई है.अविभाजित मध्य प्रदेश के वक़्त कांग्रेस का दबदबा यहां देखने को मिला था. लेकिन साल 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य गठन होने के बाद 4 बार हुए लोकसभा चुनाव (Loksabha Election)में से 3 बार BJP जबकि एक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. अभी इस सीट से बीजेपी के विजय बघेल यहां से सांसद हैं. छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चंदूलाल चंद्राकर (Chandulal Chandrakar) इस क्षेत्र से पांच बार सांसद चुने गए थे. 

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जानें इन प्रत्याशियों के बारे में 

कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र साहू पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं. साल 2019 में भूपेश बघेल के चुनाव संचालक थे. राजेंद्र दुर्ग जिला सहकारी बैंक, दुर्ग के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. पिछले दिनों उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी स्वाभिमान मंच से दुर्ग विधायक और महापौर का चुनाव लड़ा था. साल 2017 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे.  BJP के प्रत्याशी विजय बघेल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद साल 2000 से की थी. साल 2003 को पाटन से विधानसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन इन्हे यहां हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए  थे. साल 2008 को विधानसभा चुनाव में उन्हें पाटन से भूपेश बघेल के सामने प्रत्याशी बनाया गया था. साल 2019 को उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. 

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