Chhattisgarh के इस जिले में तेज बारिश ने बरपाया कहर, बांध में आई दरार, तो पानी की रफ्तार हुई दोगुनी

Dam Crack: लगातार हो रही बारिश के कारण बांध पर दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कांकेर जिले के एक बांध में दरार आ गई. इस वजह से इलाके के लोग बहुत दहशत में हैं.

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CG Latest News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर (Kanker) जिले के पखांजूर इलाके के एक जलाशय (Reservoir) के बांध (Dam) में दरार आ गई. बांध में दरार आने से जलाशय का पानी तेजी से बाहर निकल रहा है. बांध टूटने से दहशत में आसपास के ग्रामीण जरूरी सामान, अनाज और परिवार को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे. तेज गति से बहते पानी से आसपास के खेत जलमग्न हो गये हैं. ऐसे में किसानों (Farmers) की समस्या बढ़ गई है. वह अपने फसल को लेकर बहुत चिंतित हैं.

तीन साल से पड़ी हुई है दरार

बांध में दरार आने के बाद पानी तेजी से बहने की खबर सुबह निकल कर सामने आई. ग्रामीणों ने इसकी सूचना विभाग और स्थानीय प्रशासन को दी. ग्रामीणों के अनुसार, इस जलाशय में तीन साल पहले से दरार पड़ चुकी थी. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने विभाग और प्रशासनिक अमले को दी थी. ग्रामीणों की शिकायत पर विभाग ने मरम्मत के नाम पर लीपा-पोती की. वर्तमान में हो रही बारिश से जलाशय में काफी मात्रा में पानी जमा हो गया. दबाव बढ़ने से बांध में हुई दरारें खुल गई और रात से ही पानी बहने लगा. 

बांध में पड़ी दरार

मौके पर पहुंचा प्रशासन

विभाग को जानकारी लगते ही सिंचाई विभाग के एसडीओ, इंजीनियर और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गए. फिलहाल, ग्रामीण और विभाग द्वारा दरार को भरने की कोशिश की जा रही है. पानी तेजी से बहने के कारण दरार का आकार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. जल्द से जल्द दरार नहीं भरा गया तो बांध के टूटने की आशंका अधिक बढ़ जाएगी. जिसका पानी गांव तक पहुंचने से स्थिति गंभीर हो सकती है. पानी का रिसाव किसानों के फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. 

लोगों को हो रही परेशानी

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मरम्मत संभव नहीं-एसडीएम

पखांजूर के एसडीएम अंजोर साई पैकरा का कहना है कि सिचाई विभाग के अधिकारी, इंजीनियर और प्रशासनिक अमला सुबह से तैनात है. पानी ज्यादा होने के कारण मरम्मत कार्य संभव नहीं है. जलाशय के दो गेट खोल दिये गए है ताकि जलाशय का पानी जल्द खाली कर मरम्मत का कार्य किया जा सके. जेसीबी मशीन, रेत से भरी बोरियां सहित अन्य सामान मरम्मत के लिए लाए जा चुके हैं. पानी रोकने का प्रयास किया जा रहा है. वर्तमान में बांध टूटने का कोई डर नहीं है.

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