छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में व्यवस्था बदहाल, इतने लाख की आबादी पर मात्र दो डॉक्टर

MCB News: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो चुकी है. इसका अंदाजा आप स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के गृह जिला से लगा सकते हैं. क्योंकि विकासखंड भरतपुर ब्लॉक में एक लाख की आबादी में सिर्फ दो डॉक्टर सेवा दे रहे हैं.

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CG News In Hindi: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं चल रही है. जबकि यह स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का गृह जिला है. विकासखंड भरतपुर ब्लॉक में एक लाख की आबादी के लिए दो डॉक्टर सेवा दे रहे हैं. भरतपुर की विधायक रेणुका सिंह हैं, जो पूर्व में केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुकीं हैं. लोगों को उम्मीद थी कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होगा. लेकिन स्थानीय विधायक की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दो डॉक्टर्स की नियुक्ति की. लेकिन सीएमएचओ ने दोनों डॉक्टर्स को मनेंद्रगढ़ सीएचसी में अटैच किया हुआ है. इसके चलते अब जनकपुर में एक लाख की आबादी की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए सिर्फ दो डॉक्टर्स उपलब्ध हैं.

यहां 13 डॉक्टर्स का सेटअप है

आपको बता दें, अस्पताल में इमरजेंसी की स्थिति बताने पर मध्यप्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल में मरीजों को रेफर किया जाता है. इन दिनों अस्पताल में सवा सौ से अधिक ओपीडी दर्ज हो रही है. 30 बेड के अस्पताल में 40 स 45 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. यहां 13 डॉक्टर्स का सेटअप है. बीएमओ समेत एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक आरएमए व बीएएमएस पदस्थ हैं.

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मनेंद्रगढ़ सीएचसी में अटैच कर दिया

15 दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री ने जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दंत रोग विशेषज्ञ अंकुर राय व एमबीबीएस डॉ. गौरव सिंह की पद स्थापना कराई थी. इसके बाद सीएमएचओ सुरेश तिवारी ने दोनों डॉक्टर्स को मनेंद्रगढ़ सीएचसी में अटैच कर दिया. जबकि मनेंद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अटैच दोनों डॉक्टरों का वेतन भुगतान जनकपुर सीएचसी से होगा. डॉक्टर को अटैच करने से ग्रामीणों में आक्रोश हैं.

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ग्रामीणों में आक्रोश

छोटा सी दुर्घटना में भी शहडोल रेफर कर रहे: नितेश गुप्ता, जवाहर यादव, भीमसेन गुप्ता, अभिमन्यु उपाध्याय समेत अन्य नगरवासियों ने बताया कि जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं. यदि किसी का छोटा सा भी एक्सीडेंट हो जाता है, तो उस मरीज को शहडोल जिला अस्पताल रेफर किया जाता है. दो डॉक्टर्स के मिलने से बहुत हद तक लोगों को राहत मिलती, लेकिन उन्हें मनेंद्रगढ़ अटैच कर दिया गया. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है.

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी डॉक्टर्स की कमी

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था बनाने के लिए आरएमए और बीएएमएस डॉक्टर की इमरजेंसी ड्यूटी में लगाई जाती है, जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं. मौसमी बीमारी के सीजन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ लगी हुई है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी डॉक्टर्स की कमी है. यहां बहरासी, माड़ीसरई, कोटाडोल, कुवांरपुर और भरतपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. इनमें से सिर्फ भरतपुर में ही एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थ हैं.

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हर साल इसको लेकर भेजते हैं, जानकारी

मामले में बीएमओ डॉ. रमन ने बताया कि डॉक्टर समेत मेडिकल स्टॉफ की कमी जानकारी अस्पताल से हर साल भेजी जाती है.डॉक्टर्स की कमी वजह से चिकित्सकीय सेवा में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि दो डॉक्टर्स की नियुक्ति की गई थी, लेकिन उन्हें मनेंद्रगढ़ अटैच कर दिया गया.

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