Hartalika Teej 2023 : व्रत-शुभ मुहूर्त से लेकर जरूरी सामग्री की जानकारी यहां पाएं

महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरितालिका तीज का व्रत रखती हैं. इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु का वरदान मांगती हैं. पूरे दिन का निर्जला व्रत रखने के बाद पूरी विधि विधान से हरतालिका तीज की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं शुभ मुहुर्त से लेकर आवश्यक सामग्री की जानकारी.

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आज महिलाएं हरितालिका तीज मना रही हैं. महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए हरितालिका तीज का व्रत रखती हैं. इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु का वरदान मांगती हैं. पूरे दिन का निर्जला व्रत रखने के बाद पूरी विधि विधान से हरतालिका तीज की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं शुभ मुहुर्त से लेकर आवश्यक सामग्री की जानकारी.

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कब है मुहूर्त

पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की तृतिया तिथि 17 सितंबर 2023 को 11 बजकर 8 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन यानी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगी. पूजा के लिए सुबह 06:07 से सुबह 8:34 तक का मुहूर्त शुभ है. इस साल हरतालिका तीज 18 सितंबर 2023 सोमवार के दिन है. बताया जा रहा है कि यह संयोग सात साल बाद पड़ा है. सोमवार का दिन पड़ने से इसे सोमवारी हरतालिका तीज कहा जाता है.

पूजा का मंत्र 

हरतालिका तीज की पूजा में व्रत करने वाली महिलाएं ‘ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जप करें. इसके साथ ही ‘गौरी मे प्रीयतां नित्यं अघनाशाय मंगला। सौभाग्यायास्तु ललिता भवानी सर्वसिद्धये।' मंत्र का जाप कर सकती हैं. इससे देवी पार्वती प्रसन्न होती हैं. हरतालिका तीज में सोना वर्जित माना गया है. ऐसे में व्रती महिलाएं रात्रि जागरण करती हैं.

हरितालिका तीज का व्रत देवी पार्वती ने शिवजी को अपने पति के रूप में पाने के लिए रखा था इसीलिए इस दिन सभी महिलाएं शिव के रूप में पति मिलने की कामना से हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. वहीं गृहस्थ महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए इस व्रत का पालन करती हैं. 

हरितालिका तीज की व्रत सामग्री 

महिलाएं पूजा के लिए माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मिट्टी से मूर्तियां बनाती हैं. इस दिन गौरी-शंकर की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है. हरतालिका तीज की पूजा में मां पार्वती को सुहाग का सामान जरूर अर्पित करें. इसके साथ ही आपको पूजा के लिए एक सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, शमी का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, गुलाल, चंदन, मंजरी, कलावा, इत्र, पांच फल, सुपारी, भोग,अक्षत, धूप, दीप, कपूर, गंगाजल, दूर्वा और जनेऊ आदि की जरूरत होगी. 

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सोलह शृंगार करें

हरितालिका तीज के शुभ अवसर पर सुहागन महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और माता पार्वती से प्रार्थना करती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार भी करती हैं. स्त्रियां हरे और लाल रंग के वस्त्र को धारण करती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं. हरतालिका तीज का व्रत रखने से पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन मजबूत और सुखमय होता है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और साथ ही संतान सुख की प्राप्ति भी होती है.