उड़ीसा से अयोध्या के लिए 1200 किमी की पैदल यात्रा पर निकले मनोज, अंबिकापुर से हुआ रवाना

Walk From Orissa to Ayodhya: उड़ीसा के भुवनेश्वर के रहने वाले मनोज कुमार बेहरा राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पैदल निकल पड़े हैं. अयोध्या पहुंचने के लिए उन्हें 1200 किमी पैदल चलना है. अभी वे अंबिकापुर तक की यात्रा कर चुके हैं.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
मनोज 650 किमी की यात्रा कर चुके हैं, अयोध्या पहुंचने के लिए उन्हें अभी 550 और चलना है.

Pran Pratishtha Ceremony: 22 जनवरी को होने वाले भगवान राम (Bhagwan Ram) के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Pran Pratishtha Program) में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लोग आ रहे हैं. इनमें कई लोग ऐसे भी हैं जो हजारों किमी की दूरी पैदल तय करके अयोध्या (Ayodhya) पहुंच रहे हैं, वहीं कुछ लोग दौड़ लगाकर भी अयोध्या जा रहे हैं. तमाम लोग भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना कर अयोध्या पहुंच रहे हैं. इनमें से एक उड़ीसा के भुवनेश्वर (Bhuvneshwar) के रहने वाले मनोज कुमार बेहरा हैं.

मनोज भुवनेश्वर के खोर्दा के रहने वाले हैं. उन्होंने खोर्दा से अयोध्या तक पैदल चलने का निर्णय किया है. जिसके बाद वह करीब 1200 किमी की पद यात्रा के लिए निकल पड़े. बीते 20 दिसंबर से वे लगातार चल रहे हैं. हाथ में भारत माता का झंडा लिए और जय श्री राम का उद्घोष करते हुए मनोज सोमवार को अंबिकापुर पहुंचे. अंबिकापुर में रात में आराम करने के बाद एक बार फिर से मनोज अयोध्या के लिए निकल पड़े हैं. उन्होंने करीब 650 किमी की यात्रा तय कर ली है, जबकि 550 किमी अभी भी चलना है. मनोज अयोध्या पहुंचने के लिए रोज 35 से 40 किमी सफर कर रहे हैं.

Advertisement

ABVP से रहा है जुड़ाव

मनोज कुमार बेहरा ने बताया कि पढ़ाई के समय से ही उनका जुड़ाव आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से रहा है. उन्होंने ग्रेजुएशन कर रखा है और आगे की पढ़ाई अभी जारी है. उन्होंने बताया कि इस यात्रा में उन्हें कई लोगों से मिलने का मौका मिला और उनके मन को जानने का भी अवसर मिला. रास्ते में भगवान राम के भक्तों से भी उनकी मुलाकात हो रही है. वे उनके खाने-पीने और रात में ठहरने की व्यवस्था करते आ रहे हैं. 

Advertisement

सीताकुंड का पानी और पहाड़ की मिट्टी भी ले जा रहे साथ

मनोज ने बताया कि रविवार को रघुनाथपुर में रुकने के बाद उन्होंने सोमवार सुबह अंबिकापुर की ओर रुख किया. वे अपने साथ सीताकुंड का पानी और पहाड़ की मिट्टी भी ले जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम और माता सीता के साथ जिस पहाड़ पर पहुंचे थे, वहां भगवान राम के चरणों का निशान आज भी मौजूद है. इस पहाड़ की मिट्टी और सीताकुंड का पानी लेकर वे अयोध्या जा रहे हैं. मनोज ने बताया कि पहाड़ में वह गुफा आज भी मौजूद है, जहां वनवास काल में भगवान राम ने अपना समय बिताया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें - Chhattisgarh News: सीएम साय और रमन सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता को दी श्रद्धांजलि, जताया दुख

ये भी पढ़ें - CG News: 540 करोड़ रुपए के कोयला घोटाले में फंसी IAS रानू साहू को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत