छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के तरीके बताए जा रहे हैं. इसी कड़ी में रानी लक्ष्मी बाई कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई है. मनचलों के हौसले इतने बुलंद होते हैं कि वे राह चलते लड़कियों को अपना निशाना बनाते हैं. इस तरह की सिचुएशन में खुद को कैसे बचाना है और अपनी रक्षा कैसे करनी है, इसी के लिए बच्चियों को आत्मरक्षा के तरीके सिखाए जा रहे हैं. ताजा खबर के मुताबिक, कोरिया जिले के 209 स्कूल और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के 334 स्कूलों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
बेटियां सीखेंगी कराटे का हुनर
इन स्कूलों में मिडिल, हाई तथा हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को रानी लक्ष्मी बाई कार्यक्रम के तहत कराटे व ताइक्वांडों (Taekwondo) की ट्रेनिंग दी जाएगी. जानकारी के लिए बता दें कि बेटियों को आत्मरक्षा सिखाने के लिए शासन-प्रशासन की तरफ से तरह-तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. जिसमें तमाम तरह के हुनर व सेल्फ-डिफेन्स की ट्रेनिंग दी जा रही है. इस तरह के अभियान का इकलौता मकसद छेड़छाड़, अपहरण जैसी घटनाओं को रोकना है.
स्कूलों में होगी तीन महीने की ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग के तहत लड़कियों को चाबी की चेन, दुपट्टा, चुनरी, मफलर, बैग, पेन, पेंसिल, नोटबुक जैसे सामानों का उपयोग सेल्फ डिफेंस के लिए कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में भी बताया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें, इच्छुक व पंजीकृत प्रशिक्षक अधिकारी (Registered Training Officer) अपने सभी कागजात के साथ 20 सितंबर तक आवेदन करा सकते हैं. इसका आवेदन आप जिला परियोजना कार्यालय, कलेक्ट्रेट परिसर, रूम नंबर 48, छिंदडांड में ऑफिशियल समय में जाकर कर सकते हैं.
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