Gerbera Flowers की खेती ने बदल दी इस किसान की किस्मत, सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक कमा रहे हैं मुनाफा

Gerbera Flower Farming: जरबेरा 4-5 रुपये प्रति स्टिक बिक रही है. किसान गिरीश देवांगन ने बताया कि एक एकड़ भूमि पर जरबेरा की खेती से सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

Gerbera Flowers Benefits: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले में विदेशी फूल जरबेरा (Gerbera) की खेती की ओर किसानों का रूझान तेजी से बढ़ा है. दरअसल, इन फूलों को फ्लावर डेकोरेशन, शादी, त्यौहार, उत्सव, विभिन्न आयोजनों में फूलों की डिमांड बढ़ी है. दरअसल, खूबसूरत जरबेरा के फूलों की रंगत और उनकी बिखरी हुई मोहक छटा देखकर ऐसे लगेगा, जैसे आप कुछ देर के लिए फूलों के किसी शहर में पहुंच गए हों. फूलों से गुलजार यह बगिया है डोंगरगढ़ विकासखंड के गांव कोलिहापुरी के किसान गिरीश देवांगन का. जहां उन्होंने अपने पॉली हाऊस में विभिन्न किस्म के जरबेरा के फूल लगाए हैं. विविध सुर्ख लाल, गुलाबी, नारंगी, पीले, सफेद फूलों की यह रंग-बिरंगी क्यारी अद्भुत है.

जरबेरा के फूलों के लिए आबोहवा, नमी, तापमान को ध्यान रखते हुए यहां बेहतरीन खेती की जा रही है. दरअसल, राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पॉली हाउस के लिए 16 लाख 88 हजार रुपये का अनुदान दिया गया था. साथ ही जरबेरा की खेती के लिए 14 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है. इस तरह उद्यानिकी विभाग की ओर से कुल 30 लाख 88 हजार रुपये का अनुदान दिया गया, जिससे गिरीश देवांगन की किस्मत बदल गई है. दरअसल, फूलों की खेती, धान या अन्य फसलों की अपेक्षा फायदेमंद हैं. इन फूलों की मार्केट में बहुत डिमांड है. यहां के फूल नागपुर, रायपुर और राजनांदगांव भेजे जा रहे हैं. इसका इस्तेमाल फ्लावर डेकोरेशन, शादी, त्यौहार, उत्सव समेत विभिन्न आयोजनों में फूलों की मांग रहती है. यहां जरबेरा की वेरायटी अंकुर, दून, सिल्वेस्टर, दाना एलन, व्हाइट हाउस एवं फोब्रस लगाई है.

Advertisement

सालाना 20 से 25 लाख रुपये की हो रही है कमाई

जरबेरा 4-5 रुपये प्रति स्टिक बिक रही है. किसान गिरीश देवांगन ने बताया कि एक एकड़ भूमि पर जरबेरा की खेती से सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक का मुनाफा हो रहा है. यह फसल 6 वर्ष के लिए होती है. वहीं, सुपरवाईजर राजकुमार साहू ने बताया कि यहां फूलों की खेती को देखकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. इसकी देखरेख का काम करने के लिए स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार भी मिला है. फूलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए पैकेजिंग भी की जा रही है और स्प्रिंकलर से सिंचाई की जा रही है.

Advertisement

दूसरे किसानों को भी आ रही है जागरुकता

गौरतलब है कि शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसान उद्यानिकी फसल ले रहे हैं और फ्लोरीकल्चर को अपना रहे है. किसान खेती की नवीनतम पद्धति को अपनाने की दिशा में अग्रसर हैं. कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देशन में जिले में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष तौर पर कार्य किया जा रहा है. सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा ने बताया कि किसानों का उद्यानिकी फसलों की ओर रुझान बढ़ा है. विभाग की ओर से किसान गिरीश देवांगन को भी 30 लाख 88 हजार रुपये का अनुदान दिया गया था. उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि हमारे अन्य किसान भी फूलों की खेती करें, विभाग ने शेडनेट और पॉलीनेट के लिए समय-समय पर अनुदान दिया जाता है.अभी कृषकों के लगभग 20 हजार वर्ग मीटर के आवेदन आए हैं. आने वाले समय में लक्ष्य की पूर्ति करने का प्रयास करेंगे और राजनांदगांव जिले को फूलों की खेती के लिए आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करेंगे.

Advertisement

यह भी पढ़ें- Govardhan Puja 2024: एमपी के सीएम समेत सभी मंत्री करेंगे गायों की पूजा, फैसले के पीछे ये दिया जा रहा तर्क
 

Topics mentioned in this article