युक्तियुक्तकरण की कड़वाहट या सिस्टम की साजिश? फांसी के फंदे पर लटकी शिक्षिका 

CG News: गरियाबंद में एक शिक्षिका ने फांसी लगाकर सुसाइड करने की कोशिश की है. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है ?

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200 किमी दूर ट्रांसफर होने पर शिक्षिकाओं को होना पड़ रहा है परेशान.

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद रूवाड गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक महिला शिक्षिका ने ट्रांसफर सिस्टम की मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर फांसी लगाने की कोशिश की. गनीमत रही कि समय रहते पति ने जान बचा ली. इधर फिंगेश्वर ब्लॉक की कई महिला शिक्षिकाओं ने खुलकर कहा कि यह ट्रांसफर नहीं, मानसिक उत्पीड़न है.

पति ने लगाए ये आरोप

प्राथमिक शाला रूवाड की शिक्षिका राजकुमारी बघेल ने उस वक्त जिंदगी से हार मान गईं जब युक्तियुक्तकरण के नाम पर दिनभर काउंसलिंग की दौड़ भाग और आदेश की लुका-छुपी ने उन्हें तोड़ कर रख दिया. उनके पति पूनम बंजारे के मुताबिक सुबह से शाम और फिर रात तक उन्हें यह कहकर रोका गया कि थोड़ी देर में आदेश मिलेगा लेकिन आदेश ना मिला, सिर्फ आश्वासन की फाइलें चलती रहीं. जब मानसिक स्थिति बिगड़ी, तो उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया, लेकिन किस्मत से बच गईं.

हैरानी की बात यह रही कि जिस आदेश के लिए दिनभर दौड़ लगाई, वही आदेश दूसरे दिन रात 9:30 बजे व्हाट्सएप पर दे दिया गया. जिसमें लिखा था  ट्रांसफर अमलीपदर. क्या इसे सिस्टम की चाल कहें या संवेदनहीनता?

200 किलोमीटर दूर भेजा

फिंगेश्वर ब्लॉक की कई महिला शिक्षिकाओं ने खुलकर कहा यह ट्रांसफर नहीं, मानसिक उत्पीड़न है. 50 से अधिक महिला शिक्षिकाओं को 200 किलोमीटर दूर जंगलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजा गया है, जबकि ब्लॉक में कई स्कूल खाली हैं.

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फिंगेश्वर की महिला शिक्षिकाएं धनेश्वरी सिन्हा, जमुना ध्रुव और ऋचा सोनी अब कानूनी लड़ाई की बात कर रही हैं. शिक्षा के मंदिरों में अगर शिक्षिकाएं ही सुरक्षित महसूस न करें, तो यह सिर्फ ट्रांसफर नहीं, शिक्षा तंत्र पर तमाचा है.

विभाग का जवाब

जिला शिक्षा अधिकारी एके सारस्वत ने इस पूरे मामले को नकारते हुए कहा कि सुसाइड अटेम्प्ट वाला कोई मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है. जो ट्रांसफर हुए नियमानुसार हुए है.

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