सरकारी दफ्तरों में नहीं चलेगी सुस्ती, कलेक्टर ने 65 कर्मचारियों को थमाया नोटिस, जान लें ये नया फरमान

Gariaband Collector : यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपके लिए ये खबर थोड़ा ध्यान देने वाली है.क्योंकि सुस्ती और काम के प्रति लापरवाही करने के मामले में छत्तीसगढ़ के एक जिले के डीएम ने 65 कर्मचारियों को नोटिस थमा दिया.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
 सरकारी दफ्तरों में नहीं चलेगी सुस्ती, कलेक्टर ने 65 कर्मचारियों को थमाया नोटिस, जान ले नया फरमान.

CG News In Hindi : यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपके लिए ये खबर थोड़ा ध्यान देने वाली है.क्योंकि सुस्ती और काम के प्रति लापरवाही करने के मामले में छत्तीसगढ़ के एक जिले के डीएम ने 65 कर्मचारियों को नोटिस थमा दिया. बता दें,  गरियाबंद, सरकारी दफ्तरों में सुस्त रवैया अपनाने वाले कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है. गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने बुधवार को संयुक्त जिला कार्यालय में ‘सरकारी सर्जरी' करते हुए 65 लेटलतीफ अफसरों और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. यही नहीं, अब बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे देर से आने वालों की सैलरी सीधे कटेगी.

लेटलतीफ अफसरों की ‘पहचान' शुरू

सुबह 10 बजे किए गए औचक निरीक्षण में कलेक्टर को कई विभागों खाद्य, श्रम, शिक्षा, खनिज, आबकारी, महिला एवं बाल विकास, आदिवासी विकास, उद्यानिकी के कर्मचारी गैरहाजिर या देर से पहुंचते मिले. इस पर कलेक्टर ने सख्त नाराजगी जताई और समय की पाबंदी को अनिवार्य करने के आदेश दिए.

Advertisement

बिना ID कार्ड और ड्रेस कोड के ‘नो एंट्री'

कलेक्टर ने निर्देश दिया कि बिना पहचान पत्र (ID कार्ड) के कार्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तय ड्रेस कोड में ही आएंगे. फाइलें और दस्तावेज क्रमबद्ध तरीके से रखे जाएं, ताकि कामकाज में देरी न हो

Advertisement

दफ्तरों में सफाई जरूरी

निरीक्षण के दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में गंदगी देखकर कलेक्टर भड़क गए और तुरंत सफाई करने के निर्देश दिए. अब सरकारी दफ्तरों में सिर्फ उपस्थिति ही नहीं, बल्कि साफ-सफाई और दस्तावेजों का रखरखाव भी सख्ती से देखा जाएगा.

Advertisement

ये भी पढ़ें- Crisis : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के सामने सालों से बुनियादी सुविधाओं का सूखा ! खोखले साबित हो रहे दावे

सरकारी अनुशासन की नई लहर

कलेक्टर के इस सख्त रुख से सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मच गया. अधिकारी और कर्मचारी अब घड़ी देखकर ही दफ्तर पहुंचने की योजना बना रहे हैं. सवाल यह है कि क्या यह नया सिस्टम गरियाबंद के सरकारी दफ्तरों में अनुशासन की लहर ला पाएगा, या फिर यह सिर्फ एक और आदेश बनकर रह जाएगा?

ये भी पढ़ें- खूंखार बाघ ने आबादी वाले इलाकों में घुसकर गाय और बकरी को बनाया निवाला, इन गांवों में बढ़ी दहशत