CG News: बुजुर्ग पिता ने बेटे को दिया दोहरा जीवन, अपना यह अंग देकर बचाई जान

Kidney Donate: एक पिता ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए उसे अपना एक किडनी दान कर दिया. दुर्ग में ही बाप और बेटे,  दोनों का सफल ऑपरेशन हुआ.

Advertisement
Read Time: 3 mins
पिता ने दिया बेटे को जीवन दान

Father and Son Relation: छत्तीसहगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग (Durg) जिला में एक बुजुर्ग पिता ने अपने बेटे को किडनी दान (Kidney Donate) कर उसका जीवन बचा लिया. सफल सर्जरी (Surgery) के बाद अब दोनों स्वस्थ जीवन जी रहे हैं... बालोद निवासी गुमान देशमुख पेशे से किसान (Farmer) हैं. बीते 5 सालों से उनका पुत्र उत्तम कुमार देशमुख किडनी की बीमारी से ग्रस्त था. इलाज के दौरान डॉक्टर ने उन्हें बताया कि बेटे की दोनों किडनी फेल हो चुकी है और अब जान बचाने का एक मात्र रास्ता ट्रांस्प्लांट है. पिता ने निर्णय लिया कि अपना किडनी बेटे को देंगे. उसके बाद दुर्ग जिले में स्थित आरोग्यम अस्पताल (Aarogyam Hospital) पहुंचे और डॉक्टरों की निगरानी में सफल ऑपरेशन (Successful Operation) कर पिता ने बेटे को किडनी डोनेट किया. 

बेटे के लिए भगवान बने पिता

गुमान देशमुख ने अपने 40 वर्षीय बेटे उत्तम कुमार देशमुख को अपनी किडनी दान कर यह साबित कर दिया कि पिता भगवान समान होता है. उत्तम कुमार की किडनी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण खराब हो गई थी. इस बिमारी में ट्रांसप्लांट करना ही एक मात्र ऑप्शन माना जाता है. दुर्ग के आरोग्यम अस्पताल में दोनों बाप-बेटे का सफल ऑपरेशन हुआ जिसके बाद दोनों स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं. 

Advertisement
ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस, जिसे ग्लोमेरुलर रोग भी कहा जाता है, किडनी रोगों का एक समूह है जिसमें किडनी के ग्लोमेरुलस क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है. इसमें किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प रह जाता है. 

बेटे को मिला नया जीवन-पिता गुमान देशमुख

पिता गुमान देशमुख का कहना है कि मेरे बेटे को नया जीवन मिला है. मेरे बेटे की दोनों किडनी खराब हो गई थी. डॉक्टर के सलाह पर मैंने अपना एक किडनी मेरे बेटे को दे दिया. वह पिछले पांच साल से डायलिसिस से जी रहा था. आरोग्यम अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे सलाह दिया कि आप अपना एक किडनी अपने बेटे को दे दो. डॉक्टर के देखभाल में मैं अपना किडनी बेटे को दे दिया. अभी मैं और मेरा बेटा दोनों स्वस्थ है और बहुत खुश हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- Madhya Pradesh: केंद्र से पास हुए 176 करोड़ रुपये, अब इन सुविधाओं से लैस होगा AIIMS Bhopal

Advertisement

ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं-डॉ. नवीन राम

हाल ही में दुर्ग स्थित आरोग्यम में नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. साहू और यूरोलॉजी विभाग के डॉ. नवीन राम दारूका की टीम ने किडनी ट्रांसप्लांट कर यह कारनामा कर दिखाया. वहीं डॉ. नवीन राम दारूका ने बताया कि पहले किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लोग बड़े शहरों में जाते थे, जिससे मरीज के इलाज में ही नहीं, बल्कि परिवार का खर्च भी बढ़ जाता था. लेकिन, अब मरीजों को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती. कम से कम खर्च में आरोग्यम में उपलब्ध किडनी ट्रांसप्लांट मरीजों के लिए वरदान है.

ये भी पढ़ें :- ...तो कांग्रेस को इसलिए छत्तीसगढ़ में मिली थी हार, मोइली कमिटी के सामने नेताओं ने खोल दी पोल

Topics mentioned in this article