छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं ने दी चेतावनी, कहा- 21 क्विंटल धान खरीदी नहीं होने पर होगा आंदोलन

Chhattisgarh Kisan News : किसान संघ ने सरकार और प्रशासन से कहा है कि धान खरीदी में कटौती को तुरंत रोका जाए और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मानक पर खरीदी सुनिश्चित की जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान आंदोलन को मजबूर होंगे.

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छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं ने दी चेतावनी, कहा- 21 क्विंटल धान खरीदी नहीं होने पर होगा आंदोलन

Chhattisgarh : रविवार को नागपुर हनुमान मंदिर प्रांगण में MCB किसान संघ ने एक बैठक की. इसमें किसानों ने अपनी सबसे बड़ी समस्या धान खरीदी में कटौती के मुद्दे पर चर्चा की. बैठक में तय हुआ कि 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की मांग को लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा जाएगा. किसान संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि 14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो चुकी है. सरकार ने कहा था कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जाएगा. उपार्जन केंद्रों पर बैनरों के जरिए यही जानकारी दी गई और इसी आधार पर टोकन भी काटे गए. लेकिन हुआ ये कि हकीकत में किसानों से केवल 14 क्विंटल 80 किलो धान ही खरीदा जा रहा है. इससे किसान नाराज और परेशान हैं.

27 नवंबर से आंदोलन की चेतावनी

किसान संघ ने कलेक्टर, SDM, तहसीलदार और थाना प्रभारी को पत्र लिखकर इस समस्या का समाधान करने की मांग की है. संघ ने साफ कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 27 नवंबर से जिलेभर में बड़ा आंदोलन शुरू होगा.

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मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदी जोरों पर है लेकिन कई धान खरीद केंद्रों से किसान मायूस हो कर लौट रहे हैं. दरअसल, किसानों का कहना है कि उनसे अभी 21 क्विंटल धान की खरीद नहीं की जा रही है. कहीं 15 तो कहीं 14 क्विंटल धान ही वे बेच पार रहे हैं.

धान केंद्रों से मायूस लौट रहे किसान

जबकि मनेंद्रगढ़ तहसील में राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की उपज होती है... लेकिन बरबसपुर, नागपुर और अन्य केंद्रों पर किसानों का धान लौटा दिया गया और सिर्फ 15 क्विंटल प्रति एकड़ की खरीदी की गई.

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45 उपार्जन केंद्रों पर बढ़ा आक्रोश

बैठक में किसान संघ के अध्यक्ष प्रेम शंकर जायसवाल, मीडिया प्रभारी महेश साहू और अन्य किसानों ने अपनी समस्याएं साझा कीं. उन्होंने कहा कि जिले के 45 उपार्जन केंद्रों पर ऐसी ही समस्याएं हो रही हैं जिससे किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

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किसान संघ ने सरकार और प्रशासन से कहा है कि धान खरीदी में कटौती को तुरंत रोका जाए और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मानक पर खरीदी सुनिश्चित की जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किसान आंदोलन को मजबूर होंगे.

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