GAIL India की पाइप लाइन को लेकर विरोध, जानें किन-किन मुद्दों को लेकर है किसानों में गुस्सा

GAIL India Gas Pipeline : बलौदा बाजार के किसान गेल इंडिया की पाइप लाइन बिछाने से परेशान हैं. किसानों ने सही जानकारी, उचित मुआवजा राशि और प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है.

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GAIL India की पाइप लाइन को लेकर विरोध, जानें किन-किन मुद्दों को लेकर है किसानों में गुस्सा.

CG News In Hindi :  छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार के किसान गेल इंडिया की पाइप लाइन बिछाने से परेशान हैं. सही जानकारी, उचित मुआवजा राशि और प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है. वहीं, कुछ किसान जहां कलेक्टर में प्रदर्शन में है. वहीं, कुछ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं. इसमें करोड़ों की जमीन का उचित मुआवजा देने की मांग किए हैं. इधर गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए कंपनी और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पाइप लाइन बिछाने के लिए किसानों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. किसानों का आरोप है कि मुआवजा दिए बिना ही किसानों की करोड़ों की जमीन पर पाइप लाइन बिछाने का है, काम शुरू कर दिया गया.

लगातार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही

बता दें, ओडिशा से मुंबई तक गेल इंडिया द्वारा मुख्य लाइन बिछाई जा रही है. इसमें हर 20- 20 किलोमीटर में एक एचबी स्टेशन बनेंगे, जहां से गांव-गांव में घरेलू गैस सप्लाई के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी. केंद्र सरकार के इस महती योजना के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू करने के बाद से लगातार विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है. इधर किसानों का आरोप है कि गेल इंडिया के तरफ से एसडीएम भाटापारा को पत्र लिखकर पाइप लाइन बिछाने के लिए पुलिस बल मुहैया कराने की मांग की गई.

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फसल बर्बाद करके बिछाई जा रही पाइप लाइन

किसानों की जमीन को जबरन हथियाने का काम किया जा रहा है. भारत सरकार के उपक्रम गेल इंडिया के लिए पूरा प्रशासन किसानों की फसल बर्बाद कर पाइप लाइन बिछाने का काम कर रहा है. वहीं प्रभावित किसानों ने भी कंपनी के दबाव बनाने पर एसडीएम भाटापारा और कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई है. हालांकि, अब तक इस मामले में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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ये है विरोध की बड़ी वजह

किसानों का कहना है कि उनकी फसल को कंपनी द्वारा लगातार बर्बाद किया जा रहा है. पहले गेहूं की फसल को कंपनी ने बर्बाद किया. उसके बाद धान की फसल को भी बर्बाद कर दिया गया. वहीं, अब कुछ किसान जो अपनी खेतों में सब्जी की फसल लगाए हुए हैं. उनको पाइप लाइन बिछाने के लिए बर्बाद किए जाने की तैयारी में है. किसानों का यह भी कहना है कि कंपनी के द्वारा किसानों से पाइपलाइन बिछाने के बाद पाइपलाइन के दोनों तरफ 20-20 मीटर की जमीन ली जा रही है. इस जमीन पर किसान भविष्य में ना तो कोई निर्माण कर सकता है और नहीं बोरवेल खुदवा सकता है.

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भाटापारा के 6 गांव में अभी काम चल रहा है

एसडीएम भाटापारा नितिन तिवारी ने बताया ने बताया कि पूरे जिले के साथ ही राज्य में गेल का काम हो रहा है, जिसमें नेचुरल गैस का काम होगा, वर्तमान में भाटापारा के 6 गांव में अभी काम चल रहा है, किसानों में भ्रम की जो स्थिति है वो  गैस पाइपलाइन के 20 मीटर में कंस्ट्रक्शन होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.

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जानें क्या बोले- इंचार्ज बाल चंद्रा

वहीं, जब इस मामले को लेकर गेल कंपनी के इंचार्ज बाल चंद्रा से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि गेल कंपनी के द्वारा जहां भी खुदाई करके पाइपलाइन बिछाया जा रहा है. सरकार के प्रावधानों के तहत भू- स्वामियों को उसके बदले उचित मुआवजा दिया जा रहा है. किसानों के शिकायत के बारे में हमें जानकारी नहीं है और हम बाइट नहीं दे सकते. 

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