छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने EWS के बच्चों के हक में दिया बड़ा आदेश, अब मिलेगी मुफ्त शिक्षा!

RTE News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के हक में बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने सरकार ने आरटीई के जरिए गरीब बच्चों को फ्री और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Right to Education: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) हाईकोर्ट (High Court) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत निशुल्क शिक्षा (Free Education) देने के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा (Ramesh Kumar Sinha) और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल (Ravindra Kumar Agrwal) की पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह छह महीने के भीतर इस संबंध में एक स्पष्ट नीति बनाए. यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 21 ए के तहत सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया है.

याचिका में क्या कहा गया था?

यह जनहित याचिका सीवी भगवंत राव की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से दायर की गई थी. इसमें 6 से 14 वर्ष के ईडब्ल्यूएस बच्चों को निजी स्कूलों में भी नि:शुल्क शिक्षा देने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत इन बच्चों को भी समान अवसर मिलना चाहिए. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि राज्य सरकार को एक स्पष्ट नीति बनाने का निर्देश दिया जाए, ताकि इस वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार के पास इस विषय पर कोई स्पष्ट नीति या कार्ययोजना नहीं है, जिससे इन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अदालत ने इसे संविधान में दर्ज मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना और सरकार को निर्देश दिया कि वह इस पर जल्द से जल्द ठोस नीति तैयार करें.

Advertisement

यह भी पढ़ें- Wheat MSP: यहां गेहूं किसानों को MSP के साथ मिल रहा है बोनस का तोहफा, अन्नदाताओं के खिले चेहरे

Advertisement

नीति निर्माण के लिए छह महीने का समय

अदालत ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) प्रभावी रूप से लागू हो. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार को छह महीने के भीतर एक स्पष्ट नीति तैयार करनी होगी. इस नीति का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा का समान अवसर प्रदान करना होगा, जिससे वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें. हाईकोर्ट का यह फैसला कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे वे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें.

Advertisement

यह भी पढ़ें- 15 घंटे अपने आवास पर छापे के बाद भूपेश बघेल ने किया बड़ा खुलासा, बोले- मेरे घर से ये-ये सामान ले गई CBI

Topics mentioned in this article