ED Action in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को ईडी ने किया गिरफ्तार, इसलिए कसा शिकंज

Somya chaurasia arresteded: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान वर्ष 2019 से 2023 के बीच शराब नीति में बदलाव कर कथित शराब घोटाला हुआ था. आबकारी नीति में लाइसेंस की शर्तें इस तरह तय की गईं, जिससे चहेती कंपनियों को ही लाभ मिल सके. इन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील तैयार करवाईं, जिसका काम नोएडा स्थित एक कंपनी के जरिए कराया गया.

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 Arrest Somya Chaurasia: छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के घेरे में आ गई हैं. शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने उन्हें मंगलवार को तलब किया था. इस दौरान, घंटों चली पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया. अब उन्हें बुधवार की सुबह ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.

गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया पहले से ही कोयला घोटाला मामले की प्रमुख आरोपियों में शामिल हैं. इससे पहले मई माह में सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के तहत सौम्या चौरसिया समेत छह आरोपियों को राहत मिली थी. रिहाई के समय सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राज्य से बाहर रहने के निर्देश भी दिए थे.

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित है शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान वर्ष 2019 से 2023 के बीच शराब नीति में बदलाव कर कथित शराब घोटाला हुआ था. आबकारी नीति में लाइसेंस की शर्तें इस तरह तय की गईं, जिससे चहेती कंपनियों को ही लाभ मिल सके. इन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील तैयार करवाईं, जिसका काम नोएडा स्थित एक कंपनी के जरिए कराया गया.

घोटाले को ऐसे दिया गया अंजाम

इसके बाद नकली होलोग्राम लगी महंगी शराब की बोतलों को सरकारी दुकानों के माध्यम से बाजार में बेचा गया, चूंकि होलोग्राम नकली थे. इसलिए बिक्री का पूरा ब्योरा शासन के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होता था. परिणामस्वरूप बिना एक्साइज टैक्स चुकाए शराब की बिक्री होती रही. इस पूरे खेल में ED की जांच के अनुसार शासन को करीब 2165 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस घोटाले में करोड़ों रुपये की राशि भूपेश सरकार के मंत्री, अधिकारी और व्यापारियों के बीच बांटा गया था.

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शराब घोटाले में अब तक कौन-कौन गिरफ्तार

शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं, आबकारी विभाग के 28 अधिकारी भी इस मामले में आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है.

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