छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सामूहिक विवाह योजना (Samuhik Vivah Yojna) में फर्जीवाड़ा सामने आया है. आस्था संस्था की ओर से शादी के बाद मिलने वाली राशि और गृहस्थी के सामान के लालच में बिचौलियों ने पहले से शादीशुदा 30 जोड़ों के बीच फिर फेरे करवा दिए. दरअसल, दुर्ग में आस्था संस्था द्वारा रविवार को सामूहिक विवाह का आयोजन आज किया गया था. इसमें 301 जोड़ों ने सात फेरे लिए हैं. इस दौरान सीएम साय भी सामूहिक विवाह में शामिल हुए और नवजोड़ों को आशीर्वाद दिया था. हालांकि इस आयोजन को लेकर एनडीटीवी लगातार सवाल उठा रहा था. वहीं एनडीटीवी की ओर से उठाए गए सवाल बिलकुल सही साबित हुए.
पैसे और सामान की लालच में हो रहे सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा
बता दें कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आड़ में लगभग 30 जोड़ें दोबारा शादी करने में सफल रहे. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने शादी की आड़ में पैसे भी एठ लिए. हालांकि मौके पर ऐसे कई जोड़े भी मिले जो शादी के योग्य थे, लेकिन उनकी आड़ में शादीशुदा एजेंट ने अपनी ही शादी दोबारा कर ली, जबकि उनके दो बच्चे भी हैं. वहीं एनडीटीवी की ओर से लगातार उठाए जा रहे सवाल के बीच संस्था और आयोजक गण अब गलत ढंग से शादी करने वाले जोड़ों की जांच कर पंजीयन रद्द करने की बात कह रहे हैं.
विवादों के बीच सामूहिक विवाह
वहीं दुर्ग के अग्रसेन भवन में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान फिल्म जैसे नजारे देखने को मिले. सामूहिक विवाह के दौरान कोई शादी करने को लेकर विवाद करता हुआ नजर आया, तो कोई पैसे की लालाच में दूसरी शादी करते हुए दिखा. वहीं शादी सामारोह में कुछ ऐसे भी थे जो शादी के लिए एजेंट बन कर पैसे तो लिए, लेकिन आखिरी में उनका अपने एजेंट पर से विश्वास डगमगा गया और स्वं दूल्हा और अपनी पत्नी को दुल्हन बनाकर शादी के मंडप में बैठ गए. हालांकि फिर विवाद होते देख पैसा लौटा देने तक की भी बात कह डाली.
पैसे के लिए बंदरबाट बन कर रह गया सामूहिक विवाह
पत्नी और पति 2-2 हजार रुपये सात लोगों से शादी के नाम पर लिए थे. दोनों आस्था संस्था के सेक्टर 2 भिलाई के मुख्य कार्यालय के पड़ोस में ही रहते हैं. यह शादी सिर्फ पैसे के नाम बंदरबाट करने का मामला बन कर रह गया. इस आयोजन में सरगुजा, अंबिकापुर, सूरजपुर, बिलासपुर बस्तर से लोग पहुंचे थे. वहीं शुरुआत में दिव्यांग, पंजीयन 301 होने की बात कही गई थी, लेकिन आंकड़ा 350 से ज्यादा पहुंच गया. जिसके बाद इस विवाह में फर्जीवाड़ा का शक पैदा हुआ.
ऐसी जानकारी मिली थी कि यहां शादी करने वाले जोड़ों क़ो एक लाख और अन्य सामान्य मिलेंगे. पर आयोजन समिति अब सामान मिलने की बात से इनकार कर रही है. उनका कहना है कि आने जाने और खाने, गिफ्ट का खर्च हमारा था. बाकी हमने कोई नकद की व्यवस्था नहीं की थी.
पैसे के लालच में बस और ट्रेन से भर-भरकर दुर्ग पहुंचे थे जोड़े
गलत पंजीयन कर सामूहिक विवाह कराने का मामला अब तूल पकड़ लिया है. आस्था बहुद्देशीय कल्याण संस्थान पहले भी सैकड़ों युवक-युवतियों का विवाह करा चुकी है, लेकिन इस बार हल्ला मचा कि संस्था हर जोड़े को एक लाख रुपये देगी. साथ में दहेज भी दिया जाएगा. बस... उसके बाद सरगुजा, अंबिकापुर, सूरजपुर, बिलासपुर बस्तर से बसों और ट्रेनों में भर-भरकर जोड़े दुर्ग पहुंच गए.
45 साल की महिला को लेकर विवाह करने पहुंचा था 27 साल का युवक
पंजीयन केवल 301 जोड़े का था, लेकिन 350 से अधिक कपल यहां पहुंच गए. इसके अलावा इसमें 30 से ज्यादा ऐसे जोड़े भी थे जो पहले से शादीशुदा हैं. इतना ही नहीं एक 27 साल का युवक 45 साल की महिला को लेकर विवाह करने पहुंचा. जिसके बाद संस्था की भर्राशाही साफ नजर आई.
वहीं अब जो लोग शादी के नाम पर ठगे गए है. वो सवाल उठा रहे कि उनकी शादी भी रुक गई है. वो बुढ़ापा की ओर बढ़ रहे हैं और जो तीन बच्चों के मां पिता है वो शादी करके निकल गए. अब इसमें उनका क्या दोष है. पंजीयन और कागजात सिर्फ फर्जीवाड़ा दिखावा है.
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