Dhan Kharidi in Chhattisgarh: धान खरीदी के सीजन में किसानों को राज्य सरकार के वादों के उलट व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते एमसीबी जिले के नागपुर उपार्जन केंद्र में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. यहां धान खरीद केन्द्रों में किसानों से 21 क्विंटल धान के बजाय 15 किवंटल धान खरीदी को लेकर किसानों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है. साथ ही सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े हो गए हैं.
किसान महेंद्र लाल ने बताया कि हमने 21 क्विंटल के हिसाब से टोकन कटवाया था, लेकिन केंद्र प्रभारी ने केवल 15 क्विंटल धान खरीदा.
संतोष कुमार पाल ने कहा कि मेरा टोकन 35.60 क्विंटल का था, लेकिन सिर्फ 27 क्विंटल ही लिया गया. तो वहीं किसान हीरावन पाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 59.60 क्विंटल का टोकन था, लेकिन मात्र 36 क्विंटल धान खरीदा गया. बाकी धान हमें घर ले जाना पड़ा. धान लाने-ले जाने के ट्रैक्टर किराए और समय की बर्बादी ने किसानों के नुकसान को और बढ़ा दिया.
अधिकारी दे रहे ये दलील
धान खरीदी केंद्र के प्रभारी राकेश कुमार साहू ने बताया कि राज्य सरकार ने 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय की थी, लेकिन कलेक्टर और तहसीलदार के निर्देश पर 15 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी की जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई लिखित आदेश नहीं आया है, लेकिन मौखिक निर्देश के आधार पर यह निर्णय लिया गया.
किसानों के साथ हो रहा धोखा
पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को तहसीलदार और एसडीएम से अनुमति लेकर धान बेचना पड़ रहा है. यह किसानों के साथ धोखा है.
इधर, भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल केशरवानी ने कहा कि हमारी सरकार ने 21 क्विंटल धान खरीदा और उचित मूल्य दिया. कांग्रेस भ्रम पैदा कर रही है.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को ठग रही है. 21 क्विंटल प्रति एकड़ का वादा पूरा नहीं हो रहा है और 3100 रुपये प्रति क्विंटल का वादा भी टूट गया.
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