Kanker MP Bhojraj Nag: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नवरात्र का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया. देवी माता के मंदिरों में आस्था की ज्योत प्रज्वलित हुई. महाष्टमी को हवन पूजन के बाद बुधवार को नवमी पर ज्योत ज्वारा का विसर्जन किया गया. इस दौरान बस्तर की आदि संस्कृति की झलक भी देखने को मिली.
सैकड़ों लोगों के साथ निकाली गई विसर्जन यात्रा में देवी-देवताओं की टोली और भाजपा सांसद भोजराज नाग भी शामिल हुए. इस दौरान सांसद भोजराज पर देवी माता सवार हो गईं और फिर वे गाजे-बाजे की धुन पर थिरकते नजर आए. इस अवसर पर सांसद भोजराज नाग की मां ने अपने बेटे के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
कांकेर सांसद भोजराज नाग ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में अनेक लोगों को देवी आती है. मुझे 15-20 साल से देवी आ रही है. देवी-देवताओं का काम क्षेत्र में तरक्की करना होता है. हमारे पूर्वज आदिकाल से जंगलों में रहते थे, देवी-देवताओं के सहारे ही वे जंगल क्षेत्र में रहते थे. जल, जंगल, जमीन और प्रकृति को आदिवासी देवी-देवता मानते हैं. पंचतत्व को पूरा सनातन मानता है, यही सनातन संस्कृति है. शरीर में देवता का अंश आता है, उसे कह पाना मुश्किल है. दुनिया को बनाने वाले ने इसे अद्भुत रूप से बनाया है.
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