Bore Basi Scam in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ी खानपान (Chhattisgarh Food) को राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भूपेश बघेल सरकार (Bhupesh Baghel Government) में कई आयोजन हुए उसमें से एक बोरे बासी दिवस (Bore Basi Diwas) का आयोजन था. 1 मई 2023 को आयोजित हुए बोरे बासी दिवस को लेकर करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. RTI से मिली जानकारी में 5 घंटे में 8 करोड़ खर्च कर दिए गए. जितने लोग कार्यक्रम में आये उससे ज्यादा का भुगतान हो गया. 4 डोम बने और 6 डोम का भुगतान हो गया. इसको लेकर अब भारतीय जनता पार्टी हमलावर है.
क्या है मामला?
ये तस्वीरें है भूपेश सरकार के कार्यकाल में बोरेबासी दिवस के आयोजन की है. तत्कालीन मुख्यमंत्री बोरेबासी खाते नजर आ रहे है, ऐसे कार्यक्रम का मकसद छत्तीसगढ की संस्कृति खानपान को अलग पहचान दिलाना था, लेकिन ऐसे आयोजन में अधिकारियों को मिलीभगत से जमकर भ्रस्टाचार भी हुआ RTI से मिली जानकारी में खुलासा हुआ है कि 5 घंटे के कार्यक्रम में 8 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए. VIP गेस्ट के लिए 1500 रुपये प्रति थाली का भुगतान हुआ 8 रुपये की पानी की बोतल के लिए 18 रुपये का बिल बना. डोम का किराया ही 1 करोड़ 10 लाख रुपये किया गया.
ये रहा करप्शन का गणित
- 6 डोम का किराया 1.1 करोड़ रुपए
- 75 लाख का मजदूरों को खाना
- 27 लाख रुपए पानी का भुगतान हुआ
- 5 रुपए की पानी की बॉटल 18 रुपए में खरीदी गयी
- 15 लाख रुपए का मोमेंटम अतिथियों को बांटे गए
- ग्यारह लाख साउंड सिस्टम में खर्च हुए
- 70 हज़ार रुपए के गुब्बारे उड़ गए
- श्रमिकों का लाने 9.65 लाख रुपए हुए खर्च
- पचास हज़ार मजदूरों को देश सौ रुपए के हिसाब से खाने का भुगतान
- बारह लाख के छाछ का भुगतान
बीजेपी का क्या कहना है?
बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि "बोरे वासी तो एक बहाना था, खेल कमीशन का पुराना था. यही कांग्रेस का फसाना था. छत्तीसगढ़ी अस्मिता की बात के नाम पर लोगों की भावनाओं के साथ ऐसा घिनौना खेल खेला गया. मजदूरी दिवस पर करोड़ों बोरे बासी द्वारा कमीशन का खेल हुआ. बाद में छत्तीसगढ़ की जनता ने ऐसे लोगों को चुनाव में दंड दिया है. विष्णु देव साय सरकार है और इसमें जांच होगी और उन पर कार्रवाई होगी.
कांग्रेस का दावा है कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ, सब कुछ नियम से हुआ
कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर का कहना है कि "कोरा और झूठा आरोप है. मजदूरों के सम्मान में कांग्रेस ने बोरे बासी दिवस का आयोजन किया था, उस समय पर भी भाजपा ने इसका विरोध किया था. इस बार बीजेपी सरकार ने 1 मई बोरे बासी दिवस नहीं मनाया, जिससे लोगों में नाराजगी थी. बीजेपी बदनाम करने की कोशिश कर रही है सब कुछ नियम से टेंडर से हुआ था, भाजपा को मानसिक बीमारी हो गई है."
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