बलौदा बाजार की हिंसा पर अब शुरू हुई जांच की सियासत, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ सरकार पर जड़े ये आरोप..

Baloda Bazaar Violence: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदा बाजार (Baloda Bazaar Violence) में हुई हिंसक घटना के बाद अब बीजेपी-कांग्रेस के बीच सियासत शुरू हो गई है. इस बीच शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रेसवार्ता करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. इसके साथ ही दोनों दलों ने इस पूरे मामले की जांच के लिए जांच दल का गठन कर दिया है.

Advertisement
Read Time: 3 mins

CG Baloda Bazar Violence News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलौदाबाजार (Baloda Bazar Violence) में हुई हिंसक घटना में आगजनी पर अब जांच की सियासी शुरू हो गई है. सतनामी समाज के प्रदर्शन में हुई इस घटना का कांग्रेस (Congress) हो या भाजपा दोनों ही दल राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास कर रहे हैं. इस मामले में कांग्रेस की तरफ से 7 सदस्यीय जांच दल गठित की गई है. वहीं, आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चरण दास महंत सहित कई कांग्रेसी नेता बलौदा बाजार पहुंचकर घटनास्थल कलेक्ट्रेट कार्यालय का निरीक्षण किया है. 

 आज तक इतिहास में इस तरह की घटना नहीं हुई

कांग्रेस के नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर बलौदा बाजार की घटना पर बीजेपी पर निशाना साधा है. इस दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने घटना के लिए भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि आज तक के इतिहास में इस तरह की घटना नहीं हुई है. दीपक बैज ने कहा कि सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए. वहीं, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि प्रशासनिक विफलता के कारण यह घटना हुई है. दूसरी ओर BJP की तरफ से 5 सदस्यीय जांच दल की घोषणा भी की गई है.

Advertisement

ये भी पढ़ें- NEET के बाद अब NET Exam पर उठे सवाल, एडमिट कार्ड न मिलने से परीक्षार्थी परेशान, NTA नहीं कर रहा समाधान

Advertisement

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि इस पूरे मामले की शुरुआत 15 मई की रात को उस वक्त हुई, जब अंधेरे में गिरौदपुरी में सतनामी समाज के तीर्थ स्थल 'अमर गुफा' के जैतखाम को क्षति पहुंचाई गई. उस वक्त शिकायत के बाद पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने असल दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया है, जिसको लेकर 8 जून को समाज के लोगों और डीएम के बीच पहली बैठक हुई थी. फिर दूसरे दिन गृहमंत्री विजय शर्मा ने जांच के लिए आदेश दिए थे, लेकिन समाज के लोग नहीं मानें. इसके बाद 10 जून को दशहरा मैदान में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और देखते ही देखते प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया. इस दौरान कलेक्टर ऑफिस में आग लगा दी गई और परिसर खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- Indian Railways: बिहार की गाड़ियों में भीड़ कंट्रोल करने के लिए रेलवे चलाएगा Special Trains, यहां देखें पूरी लिस्ट