अमित शाह के बस्तर दौरे पर पूर्व डिप्टी CM का निशाना, बोले- बस्तर में भय का वातावरण, लोकतंत्र में डर नहीं होना चाहिए 

Amit Shah Visit In Bastar: छत्तीसगढ़ के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में हम आजादी की बात करते हैं, लेकिन वहां अब भी डर और भय का माहौल है. लोग सोचते हैं कि अगर कुछ कह दिया तो उसका गलत अर्थ न निकाल लिया जाए. यह चिंता का विषय है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Amit Shah Visit In Naxali Area Bastar: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे को लेकर निशाना साधा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंहदेव ने कहा कि मेरी कुछ साथियों से बस्तर में बात हुई. लोकतंत्र में हम आजादी की बात करते हैं, लेकिन वहां अब भी डर और भय का माहौल है. लोग सोचते हैं कि अगर कुछ कह दिया तो उसका गलत अर्थ न निकाल लिया जाए. यह चिंता का विषय है.

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में खुला संवाद और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए, न कि डर का माहौल.

डीएमएफ (जिला खनिज फाउंडेशन) घोटाले के संबंध में सोशल मीडिया पर फैले एक पोस्ट को लेकर सिंहदेव ने कहा, "यह बात सही है कि मैंने दिग्विजय सिंह से बात की थी. उन्होंने बताया कि पोस्ट उन्होंने नहीं किया था, बल्कि रिपोस्ट हो गया था. अब वह इसे वापस ले रहे हैं.यह मामला आज का नहीं था, लेकिन जिस संदर्भ में बात कही गई, वह गलत तरीके से पेश हो गई। ऐसे कई मामले हैं, जो सामने नहीं आ पाते हैं.

Advertisement

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक आदेश को स्थगित करने के निर्णय पर सिंहदेव ने कहा कि यदि कोई आदेश व्यावहारिक नहीं है, तो उसे स्थगित या वापस लेने में किसी को शर्म या संकोच नहीं होना चाहिए. प्रशासन को लचीला और व्यवहारिक होना चाहिए. 

Advertisement

इलाज में बाधा पर चिंता 

जेल में बंद कवासी लखमा के इलाज में बाधा को लेकर सिंहदेव ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मैं खुद लखमा जी से मिलने गया था. उन्होंने बताया कि आंख की गंभीर तकलीफ है, डॉक्टर की अपॉइंटमेंट भी मिल गई है, लेकिन गार्ड उपलब्ध नहीं हो पा रहे. मैंने प्रशासन से बात की थी, जब डॉक्टर जाने को कह रहे हैं, तो प्रशासन का कर्तव्य है कि केवल गार्ड मुहैया कराए.बस्तर में जनगणना को लेकर सामाजिक पहचान के मुद्दे पर सिंहदेव ने कहा कि यह एक सामाजिक पहल है, कानूनी मान्यता भले न हो, लेकिन समाज में इसका महत्व है. ऐसा ही प्रयोग महाराष्ट्र में भी किया जा रहा है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें इसे शराब में मिलाकर...डायरिया के कहर के बीच CMHO  के बयान ने मयाचा बवाल, जानें क्या कहा ?

ये भी पढ़ें CM मोहन यादव ने चयनित महिला पर्यवेक्षकों को दी बधाई, नई नौकरियों के लिए ये कहा


 

Topics mentioned in this article