सीएम विष्णु देव साय स्कूलों को लेकर हुए सख्त, मरम्मत का दिया फरमान,कहा- गुणवत्ता से समझौता नहीं

CG News: छत्तीसगढ़ में हजारों सरकारी स्कूलों के जर्जर भवन की जल्द तस्वीर बदलेगी. प्रदेश के सीएम विष्णु देव साय ने कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में इस मामले पर सख्त रुख दिखाया है. जानें सीएम ने क्या कहा है..

Advertisement
Read Time: 2 mins

CM Vishnu Dev Sai: छत्तीसगढ़ में हजारों सरकारी स्कूल जर्जर भवन में चल रहे हैं, राज्य के जर्जर स्कूल को लेकर सूबे के मुखिया ने चिंता जाहिर की है. सीएम विष्णु देव साय ने कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कलेक्टरों को सख़्त लहजे में जर्जर स्कूल के मरम्मत के निर्देश दिए हैं. सीएम साय ने कलेक्टरों को कहा स्कूलों की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए. अगर स्कूल निर्माण में कहीं गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं, जांच करके संबंधित ठेकेदार पर FIR करके कड़ी कार्रवाई की जाए. गुणवत्ता से समझौता करने वालों की जेल में जगह है, गुणवत्ता विहीन कार्य होने पर रिकवरी भी की जाएगी.

कलेक्टर करेंगे स्कूल का निरीक्षण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि कलेक्टर अपने जिले के स्कूलों का लगातार भ्रमण करें. स्कूल के भवन और शिक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करें. अगर किसी स्कूल में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे प्राथमिकता के साथ दूर करें. सीएम ने कहा स्कूल के हॉस्टल में असुविधा साफ-सफाई की शिकायत आती रहती है, ज़िला प्रशासन को स्कूल-हॉस्टल की व्यवस्था ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए.

Advertisement

ये भी पढ़ें- Gwalior : बरसात ने मचाया तांडव ! 17 लोगों की गई जान, सौ पशु मरे... अभी और होगी बारिश

Advertisement

इस पर असंतोष जताया

सरकारी स्कूल में बेहतर शिक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम श्री योजना का  शुरू की है, जिसके तहत देश भर के 14,500 पुराने स्कूलों में आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराना है. साथ ही शिक्षा नीति-2020 को सभी स्कूलों में लागू करना है. छत्तीसगढ़ में पीएम श्री योजना के तहत पहले चरण में 211 स्कूल और दूसरे चरण में 52 स्कूल शामिल किए गए हैं. इन स्कूलों में भवन की मरम्मत के साथ स्मार्ट क्लास और हाईटेक लैब स्थापित होनी है. लेकिन पीएम श्री योजना में खैरागढ़ और सारंगढ़ में स्कूल में निर्माण कार्य ही शुरू नहीं हुआ है, जिस पर सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये है जल्द कार्य पूर्ण किया जाए.

Advertisement

ये भी पढ़ें- MP में मानवाधिकार आयोग को 'अधिकार कब'? 21 महीने से अध्यक्ष नहीं, 4.7 हजार शिकायतें पेडिंग