'नक्सली प्रदेश के लिए कैंसर, हमने इसके जड़ पर प्रहार किया', CM साय का छत्तीसगढ़वासियों को संदेश

Republic Day 2025: सीएम साय ने अपने खास संदेश में कहा कि नक्सली प्रदेश के लिए कैंसर हैं. हमने इसके जड़ पर प्रहार किया है. एक साल के भीतर 260 नक्सलियों का मार गिराया. बस्तर में विकास के राह खुल गए हैं, स्कूल में घंटी और बच्चों की चहचहाहट से गुंजने लगी है.

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CM Vishnu Dev Sai republic Day Speech: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली. सीएम साय ने इस खास मौके पर आम जनता के लिए खास संदेश दिया. उन्होंने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी.

सीएम साय ने अपने खास संदेश में कहा, 'नक्सली प्रदेश के लिए कैंसर हैं. हमने इसके जड़ पर प्रहार किया है. एक साल के भीतर 260  नक्सलियों का मार गिराया. बस्तर में विकास के राह खुल गए हैं, स्कूल में घंटी और बच्चों की चहचहाहट से गुंजने लगी है.'

सीएम साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सबके लिए अत्यंत गौरवशाली है. आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं. इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया. उन विभूतियों का योगदान है, जो संविधान की रक्षा के लिए हमेशा डटे रहे तथा संविधान के मूल्यों पर चलकर अंत्योदय का कल्याण करते रहे.

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नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, ताकि हम सुरक्षित रह सकें और समाज में शांति स्थापित हो सके. इन जवानों की शहादत को मैं शत्-शत् नमन करता हूं. 

सीएम साय की 10 बड़ी बातें

1. भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है. यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है. इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया, जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच है. हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश, शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा का छूआछूत विरोधी संघर्ष जैसे आदर्श रहे होंगे. इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया था.

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2. इस गणतंत्र की धरोहर को सुरक्षित रखने और सहेजने-संवारने की जिम्मेदारी हमारी और भावी पीढ़ी के हाथों में है. हमारा गणतंत्र हमें सत्यमेव जयते की सीख देता है. मुंडकोपनिषद का यह सूत्र वाक्य हमें बताता है कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो, हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए.

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3. हमारे गणतंत्र की इस भावना की विजय हमने गंभीर नक्सलग्रस्त इलाकों में देखी है. इन इलाकों में माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से न केवल आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था. अपितु भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे. हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है. इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए. हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया. इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे. एक साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया. अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रोशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है. 

4. जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले महीने छत्तीसगढ़ आये तो बस्तर की इसी धरती में ग्राम गुंडम की एक बुजुर्ग मां उनके पास आई, माता जी ने उन्हें वनोपजों की टोकरी भेंट की और कहा कि माओवाद को पूरी तरह से नष्ट कर दीजिए. जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती. बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है. शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त हो जाएगा.

5. आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है. इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना बनी है. अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी-बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ. बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है. हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया. पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे. आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे. खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया.

6. किसान परिवार से आने वाले लोगों ने खेती का वो वक्त भी देखा है जब कड़ी मेहनत से धान उपजाने के बाद मंडियों में किसान भाई धान लेकर जाते थे, तो औने-पौने में धान बेचकर आना पड़ता था. बहुत मुश्किल से परिवार चलता था. धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोये, इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई. यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का मॉडल राज्य बन गया.

7. छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआती दौर में धान खरीदी लगभग 4.63 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुई. पिछली बार यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन को छू गया. सरकार किसान भाइयों को धान का सबसे अच्छा मूल्य दे रही है. हमने किसान भाइयों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल और  21 क्विंटल प्रति एकड़ में धान खरीदा.13 लाख किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी दिया गया. लगभग ढाई माह से राज्य में तेजी से धान खरीदी चल रही है. किसानों के खाते में हम लगातार समर्थन मूल्य की राशि दे रहे हैं. प्रति क्विंटल अंतर की राशि 800 रुपये हमारी सरकार के द्वारा आदान सहायता के रूप में एकमुश्त फरवरी माह में किसान भाइयों के खाते में भेजने का निर्णय लिया गया है. भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया है. 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषकों को 10 हजार रुपये सालाना दिया जा रहा है.

8. छत्तीसगढ़ को मेडिकल हब बनाना है, ताकि न केवल हमारे सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में छत्तीसगढ़ के नागरिकों का इलाज हो सके अपितु छत्तीसगढ़ मेडिकल टूरिज्म के भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित हो. इसके लिए हमने अटल नगर नवा रायपुर में 200 एकड़ भूमि चिन्हांकित की है. यहां मेडिसिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 हजार बेड वाला अत्याधुनिक अस्पताल बनेगा. अटल नगर नवा रायपुर में हम 141 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क भी स्थापित कर रहे हैं. इससे अटल नगर नवा रायपुर, मध्य भारत का फार्मास्युटिकल हब के रूप में उभरेगा. 

9. डबल इंजन की सरकार खेती को हाइटेक करने का कार्य भी कर रही है. अब खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन दीदी के हाथों हो रहा है.घंटों का काम ड्रोन दीदी का ड्रोन मिनटों में कर देता है. हमें किसानों की आय दोगुनी करनी है, तो पशुपालन को बढ़ावा देना होगा. छत्तीसगढ़ में भी श्वेत क्रांति की राह हमने खोल दी है.बीते महीने हमने एनडीडीबी के साथ एमओयू किया है. प्रदेश में दुग्ध उत्पादन के लिए 621 सहकारी समितियां काम कर रही हैं. अब 3200 नई सहकारी समितियां बनेंगी. 

10. छत्तीसगढ़ में कोयले और लोहे के उत्पादन में हम देश में दूसरे स्थान पर हैं. देश के बाक्साइट भंडार का 20 फीसदी हमारे यहां है. सारी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों को अपना रही है और भारत भी इसमें पीछे नहीं है. इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए लीथियम की जरूरत होती है और इसके भंडार हमारे कोरबा, सुकमा और बस्तर जिले में है. 

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