सरकारी आवासीय विद्यालय की छठी की छात्रा निकली गर्भवती, ऐसे हुआ प्रेग्नेंसी का खुलासा, प्रबंधन के उड़े होश

Sukma News: आदिवासी बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालय में 15 दिनों से एक छात्रा विद्यालय से अनुपस्थित थी. जब शिक्षिकाओं ने साथ रहने वाले लड़कियों से पूछताछ की तो गर्भवती होने का खुलासा हुआ.

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Chhattisgarh News: सुकमा जिले में आवासीय विद्यालय में एक सनसनीखेज मामला सामनेआया है. विद्यालय की आठवीं कक्षा की 16 वर्षीय एक छात्रा 7 माह की गर्भवती है. मामले का खुलासा तब हुआ, जब छात्रा 15 दिन से विद्यालय में अनुपस्थित थी. मामला सामने  आने के बाद विद्यालय प्रबंधन के होश उड़ गए. प्रबंधन ने छात्रा का स्वास्थ्य परीक्षण कराया, जिसमें गर्भधारण की पुष्टि हुई. इससे कुछ दिनों पहले ही जिला मुख्यालय स्थित एक आवासीय विद्यालय में भी एक छात्रा के गर्भवती होने की पुष्टि हो चुकी है.

15 दिनों से विद्यालय से अनुपस्थित थी छात्रा

मामला प्रकाश में आने के बाद उक्त मामले में आज पर्यंत किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है, जिला प्रशासन द्वारा संबंधित अधीक्षिका के खिलाफ महज कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.

आदिवासी बच्चों के लिए संचालित आवासीय विद्यालय में 15 दिनों से एक छात्रा विद्यालय से अनुपस्थित थी. जब शिक्षिकाओं ने साथ रहने वाले लड़कियों से पूछताछ की तो गर्भवती होने का खुलासा हुआ. इसमें सबसे चौकाने वाली बात यह है कि छात्रा 7 माह की गर्भवती है और आवासीय विद्यालय प्रबंधन जानकारी नहीं होने की बात कह रहा है, जबकि 7वें महीने में पेट नजर आने लग जाता है.

छात्रा 7 माह की थी गर्भवती

गर्भवती होने की खबर जब फैलने लगी तो आवासीय विद्यालय की अधीक्षिका और प्रधान अध्यापिका ने उच्च अधिकारियों को मामले से अवगत कराया. इसके बाद जिला प्रशासन तक मामला पहुंचा और चाइल्ड प्रोटेक्शन कमीशन की टीम विद्यालय पहुंच मामले की जांच की. इसके बाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.

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6 दिन बाद भी लापता छात्र का नहीं मिला कोई सुराग

सुकमा जिले में संचालित आवासीय विद्यालयों में प्रबंधन के जिम्मेदारों की लापरवाही की खबरें लगातार प्रकाश में आ रही हैं. दो दिन पहले ही कोंटा ब्लॉक के मरईगुड़ा वन में संचालित पोटाकेबिन के कक्षा 6वीं का छात्र लापता है. 4 दिन बीत जाने के बाद पोटाकेबिन प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली और थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराया गया. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद छात्र के परिजन, शिक्षा विभाग और पुलिस की अलग-अलग टीम छात्र की पतासाजी में जुट गई है. वहीं बच्चे को ढूंढने के लिए तेलंगाना पुलिस की मदद भी ली जा रही है. डीईओ जीआर मंडावी ने रविवार को पोटाकेबिन मरईगुड़ा का आकस्मिक निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि बच्चे  को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है.

पल्ला झाड़ते दिखे जिम्मेदार अफसर

जिले के जिम्मेदार अफसर बालिकाओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कितने गंभीर है, इस मामले से समझ सकते हैं. अवासीय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बच्चे छुट्टी पर जाते हैं वहीं ये सब होता है. बच्चों का मेडिकल टेस्ट अधीक्षिका करवाती हैं.

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वहीं सुकमा खंड शिक्षा अधिकारी सुखराम देवांगन ने कहा कि संबंधित आवासीय विद्यालय की एचएम ने इस संबंध में कोई जानकारी उन्हें नहीं दी है. इधर, जिला मिशन समन्वयक उमा शंकर तिवारी सीधे मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए. उन्होंने कहा कि मुख्यालय से बाहर होने की वजह से उन्हें जानकारी नहीं है. चाइल्ड प्रोटेक्शन कमीशन की टीम को ये जानकारी होगी.

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