Chhattisgarh Hindi News: छत्तीसगढ़ में बच्चों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ का अलग ही खेल सामने आया है. एक ओर कवर्धा जिले में छात्रों से बकरी चरवाई जा रही हैं तो वहीं, दूसरी ओर जांजगीर-चांपा जिले में छात्रों से मजदूरी करवाई जा रही है. इनका वीडियो सामने आया है. ऐसे दो मामले सामने आने के बाद शिक्षा-व्यवस्था पर ही सवाल उठने लगे हैं.
बच्चे चराने जाते हैं बकरियां
गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए सरकार आश्रम और छात्रावास संचालित कर रही है, जहां खास कर आदिवासी और जनजाति के बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन कवर्धा जिले के चेंद्रादादर में स्थित आदिवासी बालक आश्रम में तैनात अधीक्षक पीएस मरकाम आश्रम में बकरी पालन कर रहा है. वहीं, कई छात्र आश्रम में रहकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन अधीक्षक छोटे बच्चों से बकरियों को चरवाता है. अधीक्षक के बकरी पालन से संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है, क्योंकि जहां छात्र रहते हैं, वहीं पर आश्रम के एक कमरे में बड़ी संख्या में बकरियां रहती हैं.
छात्रों का कहना है अधीक्षक उनसे बकरी चरवाते हैं और उन्हें दिन का खाना भी मेन्यू के हिसाब से नहीं मिलता है. जब अधीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि बच्चे शौक में बकरी चराने जाते हैं.
जांजगीर-चांपा में बच्चों से मजदूरी
जांजगीर-चांपा जिले में बम्हनीनडीह ब्लॉक के डभराखुर्द प्राथमिक स्कूल में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. मामला संज्ञान में आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल पीतांबर कुर्रे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. बता दें कि बच्चे स्कूल में रेत गिट्टी और सीमेंट मिलाने का काम कररहे थे.
ये भी पढ़ें- एक्सीडेंट में पैर खोने पर कार चलाने को रखा ड्राइवर, अब उसी ने दिया धोखा; 12वीं में पढ़ रही बेटी का किया अपहरण