CG Vidhan Sabha: सैनिटरी नैपकिन, बेरोजगारी से धान खरीदी तक... शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में गूंजा ये मुद्दा

Chhattisgrh Assembly Winter Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में सैनिटरी नैपकिन, वेंडिंग मशीन, इंसीनेशर मशीन, मुख्यमंत्री टावर योजना, बेरोजगारी और धान खरीदी में अव्यवस्था का मुद्दा गूंजा.

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Chhattisgrh Assembly Winter Session 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही सोमवार, 15 दिसंबर को हुई. सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने निधन का उल्लेख किया. उन्होंने लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवराज पाटिल के निधन का उल्लेख किया.जिसके बाद सदन में विधानसभा सदस्यों ने शोक जताया. वहीं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विनम्र श्रद्धांजलि दी. 

इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, 'शिवराज पाटिल ने कई दायित्व निभाए हैं. बहुत सी स्मृतियां आज उभर रही है, मेरी संवेदना शोकाकुल परिवार के साथ है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने भी शिवराज पाटिल को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.

सैनिटरी नैपकिन, वेंडिंग मशीन और इंसीनेशर मशीन के मुद्दे से गूंजा सदन

वहीं प्रश्न काल के दौरान सैनिटरी नैपकिन, वेंडिंग मशीन और इंसीनेशर मशीन का मुद्दा सदन में उठाया गया. बीजेपी विधायक धरमलाल कौशिक ने महिला बाल विकास मंत्री से सवाल पूछा कि 2020 से 2023 तक इंसीनेटर मशीनों के लिए निविदा कब-कब निकली? कितनी राशि जारी हुई और कौन-कौन से फर्म ने जिलेवार इनस्टॉल किया. विधायक धरमलाल कौशिक ने समय पर काम न पूरा होने पर कार्रवाई और भुगतान को लेकर भी जानकारी मांगी. इसके अलावा सुचिता योजना का भी विधायक धरमलाल कौशिक ने जिक्र किया. इसपर विभागीय मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि साल 2019 में 6 करोड़, 2020 में 10 करोड़, 2021 में 6 करोड़, 2022 में 11 करोड़ और 2023 में 12 करोड़ की राशि के खर्च हुई. हालांकि बीजेपी विधायक ने लक्ष्मी राजवाड़े के दिए गए उत्तर को अपूर्ण बताया. जिसके बाद मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही.

धरमलाल कौशिक ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि बिल्हा के रुआबंदा में सेनेटरी नैपकिन मशीन के इंस्टॉल किया गया या नहीं... उन्होंने उसकी जांच की मांग की. जिसके बाद आसंदी ने मंत्री को जांच कराने का निर्देश दिया.

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सदन में उठा मुख्यमंत्री टावर योजना का मुद्दा

वहीं विधायक रेणुका सिंह ने पूछा कि मुख्यमंत्री टावर योजना का उद्देश और भरतपुर सोनकर में कितने गांव में मोबाइल टावर लगाने के लिए चयन किया है. मुख्यमंत्री से पूछा  कि भरतपुर-सोनहत विधानसभा के कितने गांव में मोबाइल टावर नहीं है? रेणुका सिंह ने पूछा क्या लक्ष्य की प्राप्ति हो गई और अगर नहीं हुई तो कब तक होगी?

विधायक रेणुका सिंह के सवाल पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया. मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि वर्तमान में मुख्यमंत्री टावर योजना शुरू नहीं हुई है. विधानसभा क्षेत्र भरतपुर सोनहत के अंतर्गत 337 गांव में से 47 गांव में मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है. 47 गांव में से 40 गांव को मोबाइल टॉवर से जोड़ने के लिए DBN द्वारा वित्त पोषित योजना अंतर्गत टावर स्थापना का कार्य प्रगति पर है. भारत सरकार से 513 टावर की स्वीकृति मिली है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आश्वस्त किया कि हर गांव में मोबाइल टावर लगेगा. सीएम ने कहा कि दूरसंचार विभाग की जानकारी सही है, और LWE और जन मन योजना के तहत टावर लगवाए गए हैं.

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बेरोजगारी के मुद्दे पर सदन में विपक्ष का हंगामा

विधानसभा में कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल के पंजीकृत बेरोजगार के सवाल के जवाब के दौरान सदन में हंगामा देखने को मिला. कांग्रेस ने बजट में प्रावधान के बाद भी बेरोजगारी भत्ता नहीं देने का आरोप लगाया. वहीं मंत्री खुशवंत साहेब के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सदन से बहिर्गमन किया.

दरअसल, कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. साथ ही पंजीकृत बेरोजगारों को लेकर 1 अप्रैल 2024 तक की जानकारी मांगी. इनके सवाल का जवाब विभागीय मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने दिया. उन्होंने कहा कि पंजीकृत रोजगार इच्छुक की संख्या 11 लाख 39 हजार 656 है. इनके लिए रोजगार मेला और प्लेसमेंट कैंप का आयोजन हो रहा है. आने वाले भविष्य में राज्य स्तरीय रोजगार मेला का आयोजन होगा. जिसके लिए रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है.

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वहीं विधायक उमेश पटेल ने पूछा कि बेरोजगार भत्ता शुरू है या बंद? मंत्री खुशवंत साहेब ने जवाब दिया, 'हम लोगों का स्किल डेवलपमेंट कर रहे हैं. 

सदन में गूंजा धान खरीदी में अव्यवस्था का मुद्दा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी में अव्यवस्था पर स्थापन पर चर्चा की मांग की. भूपेश बघेल ने सदन में कहा कि सरकार धान खरीदना नहीं चाहती है. किसानों का रकबा लगातार घट रहा है. पंजीयन पोर्टल और टोकन पोर्टल सही से काम नहीं करता है. 3 मिनट बाद पोर्टल बंद हो जाता है.

उन्होंने कहा कि किसान पूरे प्रदेश में भटक रहे हैं. महासमुंद के किसान अपना गला काट लिया. बीजेपी की सरकार में किसान धान नहीं बेच पा रहा है.

उमेश पटेल ने कहा कि किसान पंजीयन भी नहीं करा पा पाये. पंजीयन की प्रक्रिया दो ढाई महीने चली. किसान अपनी समस्या के लिए पटवारी से SDM तक गोल गोल चक्कर लगाए. पंजीयन में कटौती करने का काम सरकार ने किया है. किसान कम धान बेंचे, इसलिए व्यवस्था ऐसी बनाई है.

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