Five National Awards to Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को नगरीय निकायों में उत्कृष्ट कार्य करने को लेकर पांच राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिलने जा रहे हैं. ये पुरस्कार दीनदयाल अंत्योदय योजना (Deendayal Antyodaya Yojana) और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (National Urban Livelihood Mission) में उत्कृष्ट कार्यों के लिए दिए जाएंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) और प्रदेश के चार नगरीय निकायों बिलासपुर, रायगढ़, चांपा एवं भाटापारा का चयन प्रतिष्ठित ‘स्पार्क-2023-24' पुरस्कारों के लिए किया है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में शहरी गरीब परिवारों को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में उत्कृष्ट कार्यों के लिए ये पुरस्कार दिए जा रहे हैं.
नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय 18 जुलाई को सूडा और चारों नगरीय निकायों को पुरस्कार देगा. ये पुरस्कार केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) और राज्य मंत्री तोखन साहू (Tokhan Sahu) के हाथों दिए जाएंगे.
डिप्टी सीएम अरुण साव ने दी बधाई
वहीं इन पुरस्कारों को लेकर डिप्टी सीएम और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव (Deputy CM Arun Sao) ने इस उपलब्धि के लिए सूडा और चारों नगरीय निकायों की टीम को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले ये पुरस्कार राज्य के लिए सम्मान का विषय है. मैं इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं. वहीं नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ बसवराजु एस ने भी सूडा और पुरस्कार के लिए चयनित नगरीय निकायों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन महिलाओं और युवाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध मिशन है. छत्तीसगढ़ इस मिशन में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. भारत सरकार द्वारा इन पुरस्कारों के लिए चयन हमारी कोशिशों का नतीजा है.
पुरस्कारों के संबंध में सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय ने बताया कि ये पुरस्कार शहरी गरीब परिवारों को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका के अवसरों को बढ़ाने में श्रेष्ठ कार्यों के लिए दिया जा रहा है. दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे-एनयूएलएम) के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से नगरीय निकायों ने शहरी आबादी के जीवन में बेहतरीन सुधार किया है. राज्य में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को लगातार लाभान्वित किया जा रहा है.
इन कार्यों की वजह से मिल रहा पुरस्कार
दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ में 2653 महिला स्व सहायता समूहों का गठन किया गया है. इनमें से 1532 समूहों को एक करोड़ 53 लाख 20 हजार रुपये की आवर्ती निधि प्रदान की गई. इसके साथ ही सामाजिक गतिशीलता एवं संस्थागत विकास के अंतर्गत 123 क्षेत्र स्तरीय संगठन और चार शहर स्तरीय संघ का गठन कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य किया गया. 123 क्षेत्र स्तरीय संगठन में से 47 क्षेत्र स्तरीय संगठनों को 23 लाख 50 हजार रुपये का अनुदान दिया गया.
वहीं स्वरोजगार कार्यक्रम के तहत 3028 हितग्राहियों को बैंकों से 31 करोड़ 17 लाख आठ हजार रुपये का लोन दिलाकर विभिन्न व्यवसायों से जोड़ा गया. साथ ही 340 समूहों के 1352 सदस्यों को समूह ऋण के माध्यम से सात करोड़ 73 लाख 81 हजार रुपये का लोन दिया गया. महिला समूहों को रोजगार से जोड़ने के लिए बैंक लिंकेज ऋण अंतर्गत 2766 स्वसहायता समूहों को 76 करोड़ 74 लाख 41 हजार रुपये का लोन दिया गया.
शहरी बेघरों और स्ट्रीट वेंडर्स के लिए हुए ये काम
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, छत्तीसगढ़ सरकार और नगरीय निकायों के समन्वय और समूहों की सहभागिता से 39 नगरीय निकायों में 47 आश्रय स्थलों का संचालन किया जा रहा है. साथ ही चार आश्रय स्थल निर्माणाधीन हैं. शहरी बेघरों के लिए आश्रय स्थल घटक के अंतर्गत शहरी बेघरों के रहने की व्यवस्था की जा रही है. शहरी स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता घटक अंतर्गत उनके कल्याण के लिए सभी नगरीय निकायों में सर्वे किया गया. जिसके बाद स्ट्रीट वेंडर्स को परिचय पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र का दिया गया. इस योजना के तहत 25 वेंडिंग जोन का चिन्हिंत कर नौ वेंडिंग मार्केट का निर्माण और वेंडिंग मार्केट का संचालन शुरू किया गया.
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 170 नगरीय निकायों में अभी तक 82 हजार 131 स्ट्रीट वेंडर्स को प्रथम ऋण, 29 हजार 099 स्ट्रीट वेंडर्स को द्वितीय ऋण और 5168 स्ट्रीट वेंडर्स को तृतीय ऋण दिया गया है. स्ट्रीट वेंडर्स को विभिन्न शर्तों पर 10 से 50 हजार रुपये तक की "कार्यशील पूंजी ऋण" सहायता बैंकों के माध्यम से दिलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री स्वनिधि योजनान्तर्गत 165 करोड़ 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से जरुरतमंदों को मुहैया कराई गई है.
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