छत्तीसगढ़ के अंतिम गांव चरचरी में कैसे 18 माह में खत्म हुआ लाल पानी का डर! ग्रामीणों ने बताई हकीकत

NDTV Ground Report: छत्तीसगढ़-उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे बलरामपुर जिले के एक गांव में पीने के पानी की समस्या की कहानियां चर्चित रही हैं. सबसे ज्यादा चर्चा यहां लाल पानी की थी...लेकिन अब पानी की ये कहानी बदल रही है. पढ़िए NDTV की स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट... 

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़-उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा बलरामपुर जिले का चरचरी गांव पानी की समस्या के लिए चर्चित रहा है. पहले पीने के पानी तक के लिए तालाब और नदी पर ही निर्भरता थी, लेकिन लाल पानी वाले गांव के नाम से पहचाने जाने वाले चरचरी में पानी की कहानी अब बदल रही है. NDTV की टीम इस गांव के हालात का जायजा लेने के लिए यहां पहुंची. पढ़िए ये स्पेशल रिपोर्ट...

पानी के लिए ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ती थी 

छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर पर बसे आदिवासी बाहुल्य इस गांव में शुद्ध पानी मिलना कभी सपने की तरह ही था. ग्रामीण जिस नदी-तालाब में अपने जानवर धोते-नहलाते थे, उसी तालाब का पानी पीने के लिए भी मजबूर थे.गांव के हैंडपंप में लाल पानी आना भी बड़ी समस्या थी. पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलने से ग्रामीणों को स्वास्थ्यगत परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था.लेकिन ग्रामीण ही बता रहे हैं कि अब तस्वीर बदल रही है.

ऐसे आया बदलाव 

1600 की आबादी वाले चरचरी ग्राम पंचायत में 27 हैंडपंप से पानी की सप्लाई की जा रही है.गांव में पीएचई विभाग के 12 हैंडपंप लगवाए हैं.1 हैंडपंप में लाल पानी आने की समस्या थी, जिसे बंद करवा दिया गया. जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल के माध्यम से पानी पहुंचाने की कवायद जारी है.जल जीवन मिशन के तहत 2 करोड़ 18 लाख 58 हजार रुपये स्वीकृत हैं. टंकी निर्माण कार्य 35% पूरा कर लिया गया है. 

क्या कहते हैं ग्रामीण 

गांव की संगीता,उमा देवी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि चरचरी अभी कुआं और नल का पानी पीते हैं. पहले दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था. जिसमें समय लगता था. घर का काम समय पर नहीं हो पाता था. अब कुआं और नल नजदीक में हैं, तो उसी का पानी पी रहे हैं. पानी मिल रहा है तो हम बहुत खुश हैं. 

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सरपंच व जल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार ने बताया कि चरचरी पीएचई विभाग द्वारा जो हैंडपंप लगवाया गया है, उससे शुद्ध पानी ग्रामवासियों को मिल रहा है, सभी ग्रामीण हैंडपंप से ही शुद्ध पानी पी रहे हैं. मंत्री अरुण साव के निर्देश के बाद बहुत तेजी से काम हो रहा है लेकिन काम और तेजी से चले तो ज्यादा लाभ ग्रामीणों को होगा.

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि-

"बलरामपुर जिले के सीमावर्ती गांव चरचरी में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए सरकार तेजी से प्रयास कर रही है. दूरस्थ अंदरूनी इलाके में बसे इस गांव को लेकर हमें जानकारी मिली कि वहां पर नदी और तालाब का ही पानी पीने के लिए ग्रामीण उपयोग कर रहे हैं. हमने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से सबसे पहले गांव में टोलों और पारों के आधार पर हैंडपंप और कुएं की व्यवस्था करवाई. बाजार क्षेत्र के हैंडपंप में लाल पानी आने की शिकायत थी उसे बंद करवाया. ग्रामीणों को गांव में ही अब शुद्ध पानी मिल रहा है, लेकिन सरकार की कोशिश है कि हर घर शुद्ध पानी पहुंचे, इसके लिए जल जीवन मिशन के तहत तेजी से काम किया जा रहा है. गांव का एक पारा पहुंच विहीन होने के कारण वहां कुछ समस्याएं अभी भी हैं, वहां भी हम शुद्ध पानी हर घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं."

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पानी 'के लिए बदली कहानी

लंबा इंतजार ही सही, लेकिन बलरामपुर के चरचरी गांव में पानी की कहानी बदल रही है...गांव में हैंडपंप और कुओं के बाद अब सरकार हर घर नल से जल पहुंचाने का प्रयास तेजी से कर रही है. ग्रामीण भी मानते हैं कि हर घर नल से जल पहुंचना उनके लिए एक सपने का पूरा हो जाना होगा.

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