Rationalization in School: सरकार ने 10 हजार 463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का आदेश किया जारी, शिक्षक संघ ने 45 हजार पद खत्म करने का लगाया आरोप

School Teachers Rationalization: छत्तीसगढ़ के 54185 स्कूल में से 297 स्कूल शिक्षकविहीन है और 7 हजार 127  स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक हैं. इसी असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है. इसके लिए 10 हजार 463 स्कूल शामिल किए गए हैं.

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Chhattisgarh School Rationalization Dispute: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों का समान और न्यायसंगत वितरण  सुनिश्चित करने के मकसद से स्कूलों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेश जारी कर दिया है. इसके मुताबिक प्रदेश के 10 हजार 463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण किया जाएगा. प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय जहां युक्तियुक्तकरण को छात्रों के हित में बता रहे हैं.

इसके साथ ही सरकार के इस आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है. शिक्षक संघ ने सरकार के फैसले के खिलाफ 28 मई को मंत्रालय घेराव का ऐलान किया है. शिक्षक संघ का आरोप है कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर चार हजार से ज्यादा स्कूल बंद हो जाएंगे और 45 हजार शिक्षकों के पद को भी खत्म कर दिया जाएगा. हालांकि, सरकार इसे छात्रों के हित में बता रही है.

7 हजार 127 स्कूलों में है सिर्फ एक शिक्षक

दरअसल, छत्तीसगढ़ के 54185 स्कूल में से 297 स्कूल शिक्षकविहीन है और 7 हजार 127  स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक हैं. इसी असमानता को दूर करने के लिए सरकार ने युक्तियुक्तकरण करने का फैसला लिया है. इसके लिए 10 हजार 463 स्कूल शामिल किए गए हैं.

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यह है युक्तियुक्तकरण का मतलब

युक्तियुक्तकरण के तहत जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक है, उन्हें शिक्षक विहीन या कम शिक्षक वाले स्कूल में भेजा जाएगा और जिन स्कूलों में छात्राओं की संख्या कम है. उन छात्रों को नजदीक के स्कूल में मर्ज किया जाएगा. लेकिन प्रक्रिया शुरू होते ही सरकार के इस फैसले का शिक्षक संघ ने विरोध शुरू कर दिया है.

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ऐसे घटेंगे स्कूल और शिक्षक के पद

इस पूरे मामले सरकारी शिक्षक संघ के संयोजक वीरेंद्र दुबे का कहना है कि सरकार के इस कदम से प्रदेश में स्कूलों की संख्या कम होने से शिक्षकों के पदों की संख्या भी कम हो जाएगी. शिक्षक संघ का कहना है स्कूल शिक्षा विभाग ने 2008 के सेटअप को ख़त्म कर दिया है, जिसमें प्राइमरी स्कूल में 60 छात्रों में एक हेड मास्टर और दो शिक्षक होते थे, लेकिन अब एक एचएम और एक शिक्षक होगा और मिडिल स्कूल में 105 छात्र में एक HM चार शिक्षक होते थे. उसमें अब एक शिक्षक को कम कर दिया गया है.  प्रदेश में 45 हजार के करीब प्राथमिक और मिडिल स्कूल है. ऐस में नए सेटअप के तहत  45 हजार शिक्षक के पद ख़त्म हो जाएंगे. साथ ही  जिन स्कूल में छात्र कम है, उसे दूसरे स्कूल में मर्ज करने से प्रदेश में चार हजार से ज्यादा स्कूल बंद हो जाएंगे.

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सरकार के फैसले के विरोध में उतरी कांग्रेस

इस पूरे मामले में कांग्रेस भी सरकार के फैसले के विरोध में आ गई है. कांग्रेस का कहना है सरकार शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने में लगी है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला  का कहना है कि प्रदेश सरकार ने माना था कि 45 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं,  लेकिन शिक्षकों की भर्ती से बचने के लिए शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने वाले फैसले के तहत यह सरकार स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर रही है.

सरकार ने फैसले का किया बचाव

हालांकि, सरकार सभी शंकाओं को दरकिनार कर इसे छात्रों के हक में उठाया गया फैसला बता रही है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि स्कूलों में समानता लाने के लिए छात्रों के हित में युक्तियुक्त करण किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि युक्तियुक्तकरण बच्चों के हित में है. आज पूरे प्रदेश में इम्बैलेंस है. 300 स्कूल में शिक्षक नहीं है. 5000 स्कूलों में एक शिक्षक हैं. कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर बच्चों से ज्यादा टीचर हैं. ऐसे में युक्तियुक्तकरण समानता लाने के लिए है. इससे शिक्षा में सुधार होगा.

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अब देखना ये होगा कि युक्तियुक्तकरण के बाद सरकार के दावे सही साबित होते हैं, या स्कूल और शिक्षक की संख्या कम होती है. 

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