Chhattisgarh Police: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर पुलिस अधीक्षक रवि कुमार कुर्रे द्वारा एक अनोखी पहल की गई है. उन्होंने ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले पुलिसकर्मियों को पारंपरिक दंड देने के बजाय समाजोपयोगी कार्य करने का अवसर दिया है. इस निर्णय ने पुलिस विभाग के भीतर एक सकारात्मक संदेश फैलाया है कि गलती को सुधारने का सबसे अच्छा तरीका समाज के लिए कुछ अच्छा करना है.
इस अभिनव सोच के तहत ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए आरक्षक महेंद्र रजक (रक्षित केंद्र बैकुंठपुर), आरक्षक मुनीत बखला (पुलिस अधीक्षक कार्यालय बैकुंठपुर), आरक्षक अर्जुन टोप्पो (रक्षित केंद्र बैकुंठपुर), आरक्षक जितेंद्र राजवाड़े (थाना बैकुंठपुर) और आरक्षक नर्मदा श्रीवास्तव (थाना सोनहत) को 5 से 6 पौधे लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई. रक्षित निरीक्षक द्वारा इन सभी कर्मचारियों की ओ.आर. पेशी कराई गई, जिसके बाद 4 अक्टूबर 2025 को सभी ने पुलिस लाइन बैकुंठपुर परिसर में पौधारोपण किया.
पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान इन पुलिसकर्मियों ने अपनी गलती को स्वीकार किया और संकल्प लिया कि वे लगाए गए पौधों की नियमित देखरेख करेंगे. इस पहल से यह भी साबित होता है कि पुलिस विभाग न केवल कानून व्यवस्था संभालने में अग्रणी है, बल्कि पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में भी उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है.
पुलिस अधीक्षक रवि कुमार कुर्रे ने बताया कि अनुशासन केवल सजा देने से नहीं आता, बल्कि सकारात्मक प्रोत्साहन से भी कायम रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य पुलिसकर्मियों में जिम्मेदारी की भावना जगाना और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना है.
कार्यक्रम के अंत में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने यह संकल्प लिया कि वे जिले को स्वच्छ और हरित बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे. एसपी की यह पहल अब पूरे जिले में चर्चा का विषय है और यह संदेश दे रही है कि गलती सुधारने का रास्ता समाज सेवा से भी होकर जा सकता है.
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