Illegal Transporting Liquor Seized: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) में पुलिस ने निकाय चुनाव से पहले एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब तस्करी (Liqour Smuggling) में लिप्त पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़ी गई शराब का अनुमानित मूल्य 2.5 लाख रुपये बताई जा रही है, जबकि जब्त किए गए वाहनों और मोबाइल की कुल कीमत लगभग 21 लाख रुपये आंकी गई है. इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि सूत्रों के अनुसार इस अवैध शराब (Illegal Liqour) का संबंध कांग्रेस प्रत्याशी से जोड़ा जा रहा है.
स्कार्पियो से मिली अंग्रेजी शराब
निकाय चुनाव को देखते हुए बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में एसीसीयू बिलासपुर (साइबर सेल) और थाना कोटा पुलिस ने मिलकर यह संयुक्त कार्रवाई की. पुलिस ने कोटा बिलासपुर मेन रोड मौहारखार के पास दो चार पहिया वाहनों, स्कार्पियो (CG 04 KJ 0913) और मारुति अर्टिगा (CG 16 CT 0649) को रोककर तलाशी ली, जिसमें 35 पेटी यानी 306 लीटर अंग्रेजी शराब बरामद की गई.
गिरफ्तार आरोपियों में ये हैं शामिल
शिवप्रसाद यादव (27) चिरमिरी, सोनू गुप्ता (30) चिरमिरी, दिनेश गुप्ता (33) चिरमिरी, दिवाकर उर्फ विक्की गुप्ता (43) चिरमिरी, नितिन जायसवाल, बलौदाबाजार-भाटापारा.
कांग्रेस प्रत्याशी से कनेक्शन!
सूत्रों के अनुसार, जब्त की गई शराब बलौदाबाजार-भाटापारा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी के लिए मंगाई गई थी. मुख्य आरोपी नितिन जायसवाल पर आरोप है कि वह उक्त प्रत्याशी के लिए शराब सप्लाई कर रहा था. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या यह शराब निकाय चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए मंगाई गई थी?
चुनावी माहौल पर पड़ सकता है असर
इस कार्रवाई से कांग्रेस को भारी राजनीतिक नुकसान हो सकता है,क्योंकि यह विपक्षी दलों के लिए यह बड़ा मुद्दा बन सकता है और राजनीतिक रोटी सेकी जा सकती है. इसका नुकसान कांग्रेस को चुनाव में देखने को मिलने आशंका जताई जा रही है.
पुलिस की सख्त कार्रवाई
बिलासपुर पुलिस ने चुनावी माहौल को देखते हुए जिले में सख्त नाकाबंदी और सघन चेकिंग शुरू कर दी है. पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं. यदि संगठित अपराध की पुष्टि होती है, तो उन पर कड़ी धाराएं जोड़ी जाएंगी.
कांग्रेस से जुड़े तार को बढ़ सकती है मुश्किलें
अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या कांग्रेस प्रत्याशी को इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा? या फिर इस मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश होगी? फिलहाल, पुलिस की जांच जारी है, लेकिन चुनावी माहौल में यह मामला कांग्रेस के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है. विपक्षी दल इस मुद्दे को चुनाव प्रचार में प्रमुखता से उठाकर कांग्रेस को घेरने की पूरी तैयारी कर चुके हैं.
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