छत्तीसगढ़ में रेडी टू ईट सप्लाई ठप ! पूर्व CM ने उठाए सवाल- कैसे रुकेगा कुपोषण?

Chhattisgarh Raipur News : छत्तीसगढ़ बच्चों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार देने के लिए भी खूब वादे किए जाते हैं. इन वादों को लेकर सरकार करोड़ो रुपये खर्च करने का दावा भी करती हैं... लेकिन प्रदेश में जमीनी हकीकत इसके उलट नजर आ रही है. 

Advertisement
Read Time: 3 mins

Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से मुक्त करने के लिए वितरित किया जाने वाला रेडी टू ईट पोषण आहार फिलहाल आंगनवाड़ियों में नहीं पहुंच रहा है. जुलाई महीने का पोषण आहार जो जून माह में पहुंच जाना चाहिए था, वह अब तक नहीं पहुंचा है. महिला बाल विकास मंत्री का दावा है कि सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.

NDTV ने लिया जायजा 

इसी कड़ी में NDTV की टीम ने राजधानी के विनोवा भावनगर आंगनवाड़ी केंद्र का जायजा लिया, जहां प्रेमलता ने बताया कि जुलाई महीने का पोषण आहार अब तक नहीं मिला है. उत्कल बस्ती आंगनवाड़ी में भी पोषण आहार नहीं पहुंचा है. राजधानी की तरह ही पेंड्रा के आंगनवाड़ी केंद्र में भी रेडी टू ईट की सप्लाई नहीं हुई है.

सप्लाई बंद होने के कारण

छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद पिछली सरकार ने बीज निगम के जरिए रेडी टू ईट खरीदने के फैसले को बदलकर महिला स्व सहायता समूह से खरीदने का फैसला लिया है. साथ ही खबर है कि पोषण आहार सप्लाई करने वाली कंपनी का भुगतान नहीं हुआ है, जिसकी वजह से सप्लाई कंपनी ने 15 जून से सप्लाई बंद कर दी है.

कैसे कम होगा कुपोषण ? 

छत्तीसगढ़ के 52,474 आंगनवाड़ी केंद्रों को पोषण आहार का आवंटन नहीं मिला है. यह पोषण आहार बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से दूर करने के लिए वितरित किया जाता है. राज्य में 2022 में कुपोषण दर 17.76 प्रतिशत थी.

Advertisement

पूर्व CM बघेल ने उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने एक सिस्टम बनाया था, लेकिन उसे बदल दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि पोषण आहार कब बनेगा और कब मिलेगा. उनका मानना है कि इस महीने पोषण आहार का वितरण मुश्किल है, जबकि महिला बाल विकास मंत्री का दावा है कि पोषण आहार वितरण जारी है और जल्द ही महिला स्व सहायता समूह को रेडी टू ईट का काम सौंप दिया जाएगा.

मंत्री का दावा और जमीनी हकीकत

महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का दावा है कि रेडी टू ईट पोषण आहार की सप्लाई लगातार मिल रही है और कोई फाइल रुकी नहीं है. लेकिन जमीनी हकीकत इससे विपरीत है. मंत्री को अधिकारियों के फीडबैक को अंतिम सत्य न मानते हुए जमीनी स्तर पर जानकारी लेनी चाहिए, तभी कुपोषण के खिलाफ लड़ाई मजबूती से लड़ी जा सकेगी.

Advertisement

ये भी पढ़ें : 

आदिवासी बच्चों को मिलेगा  Expired पोषण आहार...तो कैसे दूर होगा कुपोषण ?

Topics mentioned in this article